यूटिलिटी डेस्क. 1 अप्रैल से देश के 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मिलाकर 4 बड़े बैंक बनाए जाएंगे। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा। इस विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक का विलय होगा। विलय के बाद यह देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। यूनियन बैंक का आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के साथ विलय होगा। विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक विलय के बाद देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। हम आपको बता रहे कि अगर आपका खाता इन बैंकों में से किसी बैंक मैं है तो आप पर इस का क्या असर होगा।
बैंकों के विलय के बाद बैंक खातों पर इसका क्या असर होगा?
बैंकों के विलय का सीधा असर बचत खाता, चालू खाता और अन्य तरह के खातों पर होगा। विलय की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद इन खाताधारकों को बैंक जाकर अपनी मौजूदा पासबुक को नई पासबुक से बदलवाना होगा। सरकार ने विलय में शामिल सभी बैंकों को इस बात को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि विलय प्रक्रिया के दौरान बैंकिंग सेवाओं में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
क्या विलय के बाद बैंकों के अकाउंट नंबर बदल जाएंगे?
विलय होने वाले बैंकों के अकाउंट नंबर में अगर बराबर अंक रहे तो अकाउंट नंबर शायद नहीं बदले। लेकिन खाता नंबरों के अंकों की संख्या में फर्क होने पर उनमें निश्चित रूप से बदलाव होगा।
क्या बैंकों की ब्रांच भी बदल जाएंगी?
विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें शामिल बैंकों में से किसी एक बैंक की ब्रांच किसी इलाके में एक से ज्यादा पाई जाती हैं तो कुछ ब्रांच बंद हो सकती हैं। वहीं अगर बैंकों की एक शहर में आसपास ब्रांच हैं तो उन्हें भी मर्ज किया जाएगा।
पुरानी चेक बुक पर क्या असर होगा?
विलय प्रक्रिया के बाद इसमें शामिल 10 में से 6 बैंकों के नाम बदल जाएंगे और पुराने बैंक के नाम वाली चेकबुक भी निरस्त हो जाएगी। उसकी जगह पर नई चेकबुक जारी की जाएगी। हालांकि ऐसा करने के लिए छह महीने का वक्त दिया जाएगा।
क्या विलय के बाद बैंक का IFSC भी बदलेगा?
विलय होने वाले बैंकों की अलग-अलग ब्रांचों के IFSC (इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड) नंबर तुरंत प्रभावित तो नहीं होंगे, लेकिन विलय प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात उनमें निश्चित रूप से बदलाव होगा और वे पूरी तरह बदल जाएंगे।
पुराने डेबिट और क्रेडिट कार्डों का क्या होगा?
विलय में शामिल अलग-अलग बैंकों की ओर से ग्राहकों को जारी डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर इस प्रक्रिया का कोई असर नहीं होगा और वे पहले की तरह काम करते रहेंगे। हालांकि एकीकृत बैंक चाहें तो नई ब्रांडिंग के तहत ग्राहकों को नए डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी कर सकते हैं।
बैंकों की एफडी और आरडी पर क्या असर पड़ेगा?
बैंकों के एकीकरण का असर उनके द्वारा विभिन्न जमा योजनाओं पर दी जा रही ब्याज दर पर भी पड़ेगा। विलय से पहले के ग्राहकों की एफडी-आरडी ब्याज दरों पर तो फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन नए ग्राहकों के लिए ब्याज दरें एकीकरण के बाद बने बैंक वाली और एक जैसी होंगी।
क्या ऋण दरों में किसी तरह का बदलाव होगा?
पहले से चल रहे विभिन्न तरह के लोन जैसे होम लोन, व्हीकल लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और गोल्ड लोन की पुरानी दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।
क्या बैंक डिटेल्स अलग-अलग जगह पर अपडेट कराना होंगी?
विलय से प्रभावित होने वाले बैंक के ग्राहकों को अपने नए अकाउंट नंबर और IFSC की डिटेल्स इनकम टैक्स, इंश्योरंस कंपनी, म्यूचुअल फंड सहित सभी जगह अपडेट करना होंगी। एसआईपी और ईएमआई में भी ब्योरा अपडेट करना होगा