इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कथित बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और मांग की है कि प्रधानमंत्री या तो आरोपों से इनकार करें, साबित करें या माफ़ी मांगें.
आईएमए ने मंगलवार को एक मीडिया विज्ञप्ति जारी करके यह मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी उन आरोपों को साबित करें या माफ़ी मांगें, जिसमें उन्होंने कहा था कि शीर्ष फ़ार्मा कंपनियों ने डॉक्टरों को रिश्वत के तौर पर लड़कियां उपलब्ध कराईं.
देश में डॉक्टरों के शीर्ष संगठन ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री अपनी बात साबित नहीं कर पाते तो उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए.
आईएमए ने कहा, ”मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में कहा है कि शीर्ष फ़ार्मा कंपनियों ने डॉक्टरों ने रिश्वत के तौर पर लड़कियां उपलब्ध कराईं हैं. आईएमए इस पर कड़ी आपत्ति जताता है अगर ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है.”
इस महीने की शुरुआत में शीर्ष फ़ार्मा कंपनियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कथित तौर पर एथिकल मार्केटिंग प्रैक्टिस का ज़िक्र किया था.