- किसानों से हर हाल में खरीदेंगे प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान, चाहे समय बढ़ाना पड़े या धान खरीदी किश्तों की संख्या: भूपेश बघेल
- समितियां अपनी क्षमता अनुसार सुनिश्चित करेंगी धान खरीदी, मुख्यमंत्री ने की किसानों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील
- आज तक 9 लाख 34 हजार 726 मीट्रिक टन धान की खरीदी: एक लाख 76 हजार किसानों को एक हजार 40 करोड़ रुपये का भुगतान
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार हर हाल में किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल के मान से धान की खरीदी करेगी, इसके लिए चाहे धान खरीदी का समय बढ़ना पड़े या धान खरीदी किश्तों की संख्या। मान लीजिए तीन फेरी में या पांच फेरी में जमा करना है, तो यदि आवश्यकता पड़ती है तो इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। समितियां अपने यहां कांटा बाट, हमालों की संख्या आदि क्षमता के अनुसार धान खरीदी सुनिश्चित करेंगी। मुख्यमंत्री आज सवेरे यहां पुलिस लाइन मैदान में बालोद और बलौदाबाजार जिले के दौरे पर रवाना होने के पहले मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने किसानों से धान खरीदी के संबंध फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील करते हुए कहा कि अपवाह वे लोग फैला रहे हैं, जो धान खरीदी में दलाली करते रहे हैं और दूसरे प्रदेशों का धान छत्तीसगढ़ में खपा रहे थे। धान की तौलाई और ट्रांसपोर्टिंग में गड़बड़ी करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने धान खरीदी की सुचारू और सुव्यवस्थित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी किसानों को नाहक परेशान करेंगे, तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों की सरकार है। किसानों का हित सर्वोपरि है। किसानों का राज्य सरकार पर पूरा भरोसा है। मैं आश्वस्त करता हूं कि किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
प्रदेश में आज तक कुल 9 लाख 34 हजार 726 मेट्रिक टन धान की खरीदी हुई है वहीं एक लाख 76 हजार 275 किसानों को एक हजार 40 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है मुख्य सचिव का लगातार दूसरे दिन भी प्रदेश के विभिन्न धान खरीदी केन्द्रों का औचक निरीक्षण ओडिशा से लगे झाखरपारा धान खरीदी केन्द्र पहुंचे मुख्य सचिव धान खरीदी के लिए टोकन जारी करने के लिए छोटे एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता देने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल का लगातार आज दूसरे दिन भी प्रदेश के विभिन्न धान खरीदी केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। मुख्य सचिव ने आज हेलीकॉप्टर से गरियाबंद जिले के ओडिशा राज्य से लगी सीमा में स्थित झाखरपारा धान खरीदी केन्द्र पहुंचे। उन्होंने यहां धान खरीदी के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार धान खरीदी का कार्य करने समिति प्रबंधक, तहसीलदार, एसडीएम एवं खाद्य अधिकारी को निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने वहां उपस्थित किसानों से बात-चीत भी की और उन्हें धान खरीदी के लिए समिति की क्षमता अनुसार टोकन जारी करने एवं सभी वास्तविक किसानों से उनके पंजीकृत रकबे से 15 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने का आश्वासन दिया। उन्होंने धान खरीदी हेतु टोकन जारी करने के लिए छोटे एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के किसानों को किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार पूरा धान खरीदेगी। किसानों को समय पर भुगतान हो रहा है। धान खरीदी के संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों से वे दूर रहें। यदि जरूरत पड़ी तो धान खरीदी का समय और खरीदी किस्तों की संख्या भी बढ़ायी जाएगी। धान खरीदी केन्द्रों की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं, जिसके तहत मुख्य सचिव अधिकारियों के दल के साथ दो दिन से प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर वहां के खरीदी केन्द्रों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं।
मुख्य सचिव ने गत नौ दिसम्बर को राजनांदगांव जिले के चिरचारी, कवर्धा जिले के रेंगाखार, मुंगेली जिले के पंडरभट्टा, बिलासपुर जिले के कोटा-पिपरसरई-भरारी-नेवरा, जांजगीर-चांपा जिले के चारपारा स्थित धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सीधे किसानों से बात-चीत कर धान खरीदी व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। किसानों ने बताया कि धान खरीदी केन्द्रों में किसानों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है। श्री मंडल ने धान खरीदी केन्द्रों में किसानों के पंजीयन तथा भुगतान के संबंध में दर्ज की जा रही ऑनलाईन जानकारी भी देखी। रेंगाखार में किसान ने बताया कि मोबाइल में पैसे खाते में जमा होने का मैसेज आया है। पंडरभट्टहा मुंगेली में वयोवृद्ध किसान भी वहां पर टोकन पर धान बेचते मिले। मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को खरीदी केन्द्रों से अधिक से अधिक धान का उठाव मिलरों द्वारा कराए जाने के लिए मिलिंग योजना बनाने के निर्देश भी दिए हैं।