इनकम टैक्स : रायपुर मेयर एजाज ढेबर, पूर्व मुख्य सचिव समेत दो आईएएस और कई कारोबारियों के यहां छापे

  • पॉलिटिकल फंडिंग मामले के साथ ही आयकर विभाग को टैक्स चोरी करने की आशंका
  • छापे में सात बड़े नाम आए सामने, कार्रवाई में 200 से ज्यादा सीआरपीएफ जवान भी शामिल 

रायपुर.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और भिलाई सहित कई जिलों में गुरुवार सुबह 9.30 बजे से इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई जारी है। टीम ने रायपुर मेयर एजाज ढेबर, उनके भाई अनवर ढेबर,

पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, नान घोटाले से जुड़े रहे आईएएस अनिल टूटेजा सहित 32 जगहों पर कार्यवाही कर रही है। टीम सभी जगहों से आय व्यय का लेखा-जोखा जुटा रही है। आयकर विभाग को यहां बड़ी टैक्स चोरी की आशंका है। इस कार्रवाई में 200 से ज्यादा सीआरपीएफ जवान शामिल हैं।

आयकर सूत्रों ने बताया कि मेयर एजाज ढेबर के ही छह से ज्यादा ठिकानों पर टीम जांच कर रही है। इसके साथ ही, कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा, डॉ.ए फरिश्ता, सीए संजय संचेती और सीए कमलेश्वर जैन के ठिकानों पर भी आयकर की जांच चल रही है। इस कार्यवाही में 150 से ज्यादा अफसरों की टीम शामिल है। यह सारे अफसर दिल्ली से सुबह फ्लाइट से रायपुर पहुंचे हैं। वहीं भिलाई में आबकारी विभाग के ओएसडी अरुणपति त्रिपाठी के सेक्टर 9 स्थित बंगले पर छापा मारा गया है। ओएसडी त्रिपाठी इंडियन टेलीकॅाम सर्विस के अधिकारी हैं और प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं।

स्टडी टूर का बैनर और पर्यटन के स्टीकर लगी गाड़ियों से आए

सेंट्रल इनकम टैक्स की यह कार्रवाई पूरी तरह से गोपनीय रखी गई थी। सुबह 9 बजे ही सीआरपीएफ के जवानों ने अपनी-अपनी जगह ले ली थी। इसकेे बाद अलग-अलग गाड़ियों में अधिकारी छापे की कार्रवाई के लिए पहुंचे। खास बात यह है कि सभी अधिकारी हरियाणा और झारखंड नंबर की गाड़ियों से पहुंचे हैं। इनकी गाड़ियों पर भी अलग-अलग विभाग के स्टीकर लगे हुए हैं। इनमें पर्यटन विभाग और देवस्थान विभाग जैसे नाम शामिल हैं। वहीं कुछ गाड़ियों में स्टडी टूर का बैनर भी लगा हुआ है। इस छापे की कार्रवाई में स्थानीय पुलिस और स्थानीय आयकर अधिकारियों को दूर रखा गया है।

लक्ष्मी मेडिकल स्टोर ने 8 करोड़ रुपए सरेंडर किए
दवाई करोबारी लक्ष्मी मेडिकल ने आयकर विभाग को 8 करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। इनकम टैक्स विभाग की टीम ने लक्ष्मी मेडिकल के कई ठिकानों पर चार दिन पहले छापा मार कई सालों के रिकॉड खंगाले थे। तीन दिनों तक चली कार्रवाई में करोड़ों के अघोषित संपत्ति का ब्यौरा मिला था। जांच के दौरान सर्वे में प्रॉफिट कम दिखाए जाने के साथ, कैश में ज्यादा कारोबार करने और बोगस खर्चे दिखाने की बातें सामने आई थी। पिछले करीब 15 दिन से आयकर की अलग अलग टीम प्रदेश में जगह जगह दबिश दे रही है।

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