इको टूरिज्म के रूप में विकसित हो रहा जबर्रा , रोमांच और सुकून का मिश्रण रहेगा साईकिल से सफर,

धमतरी जिले से 55 किलोमीटर दूर वनांचल में बसे जबर्रा में स्वास्थ्य पर्यटन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। अगस्त माह में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसी के मद्देनजर इसे इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने की घोषणा की। नतीजन अगस्त से अब तक यहां 300 से अधिक सैलानी पहुंच चुके हैं। उन्हें हरियाली से भरे जबर्रा की खूबसूरती को निहारने के अलावा पारम्परिक पद्धति की स्वास्थ्य सेवाएं ध्यान, योग, कृषि पद्धति, वन उत्पाद प्रसंस्करण वगैरह को समझने का भी मौका यहां मिला।

अब गंगरेल बांध से जबर्रा तक 55 किलोमीटर का सफर ’दु पईडिल सुपोषण बर’ अभियान के दौरान आने वाले 24 नवंबर को साइकिलिस्ट जबर्रा के नजारे करीब से देख सकेंगे। यह सफर रोमांच और सुकून से लबरेज होगा। बता दें कि यहां साईकल से पहुंचने वालों के लिए कई स्वास्थ्य संबंधी सेशन्स की व्यवस्था की जा रही है। इसमें हीलिंग सेशन में साउंड हीलिंग, रिलैक्सेशन, नेचर वॉक इत्यादि शामिल है। साथ ही फिश स्पा, हाईकिंग, नदी किनारे बीच कैंपिंग, बोनफायर, ग्राम भ्रमण, पारंपरिक भोजन, नृत्य, पारंपरिक खेल-कूद की व्यवस्था भी रहेगी। अगर साइकिलिस्ट यहां रात को रुकते हैं, तो 24 की शाम का सूर्यास्त और 25 नवंबर के सूर्योदय के नजारे का मजा प्रकृति की गोद में रह कर उठा सकते हैं।

गौरतलब है कि जिले में बच्चों और महिलाओं में कुपोषण मिटाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए कलेक्टर श्री रजत बंसल के मार्गदर्शन में नित नए प्रयास और प्रयोग किये जा रहे हैं। इसी तर्ज में अब 24 नवंबर को साईकल यात्रा गंगरेल बांध से जबर्रा तक की जाएगी। इस सफर के दौरान जहां कुकरेल में आयोजित होने वाले मड़ई में छत्तीसगढ़ी लोक कला, व्यंजन, आभूषणों, नृत्य का मजा साइकिलिस्ट उठा सकते हैं वहीं इस दौरान राह में आने वाले गांवों में सुपोषण के लिए लोगों को जागरूक रहने का संदेश भी दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *