- स्कूली शिक्षा में ‘शून्य निवेश नवाचार‘ तकनीक पर निर्मित मॉडल का किया गया प्रदर्शन
- कबाड़ से टायलेट क्लीनर से लेकर चंद्रयान तक का किया गया निर्माण
कोण्डागांव
राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय ‘कबाड़ से जुगाड़‘ कार्यशाला का आज मुख्यालय के एनसीसी ग्राउंड में शिक्षा विभाग एवं अरविंद फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास द्वारा आयोजन किया गया। इस आयोजन का शुभारंभ कलेक्टर श्री नीलकंठ टीकाम द्वारा किया गया। यहां पर जिले के समस्त विकासखण्डों में आयोजित प्रतियोगिता से चयनित शिक्षकों द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई। यहां शिक्षकों ने अपने मॉडलों के माध्यम से दिखाया कि कैसे शून्य निवेश में कैसे आस पास की सामग्रियों से बच्चों को प्रेरित करने और पढ़ाने की सामग्रियां बनाई जा सकती हैं।इस अवसर पर कलेक्टर ने दीये और कुम्भकार का उदाहरण देते हुए शिक्षको की सराहना करते हुए कहा कि आज हमारे देश जैसा बड़ा प्रजातंत्र सफल हो सका है तो इसके पीछे शिक्षकों का ही योगदान है।
उन्होंने कहा कि आस पास की कबाड़ पड़ी वस्तुओ से उपयोगी वस्तु का निर्माण करने से मितव्ययता से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है साथ ही हमारे बच्चों में आत्मविश्वास में वृद्धि भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भी आस पास के सामग्रियों से नवाचारी प्रयोगों के सहारे अपनी आवश्यकता की पूर्ति को प्रोत्साहित करते थे। हमारे प्रदेश और जिला संशाधनों से सम्पन्न है तथा यहां पर टैलेंट की भी कमी नहीं है पर आवश्यकता है कि यहां के लोगों के आगे आकर यहां के विकास में योगदान देने की है।
इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने रंगारंग लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी। इस आयोजन की खासबात यह थी कि आयोजन स्थल पर मंच से लेकर स्टॉलो तक सभी साज-सज्जा कबाड़ की वस्तुओं को रिसायकल कर बनाई गई थी तथा मंच पर महात्मा गांधी चरखे के साथ सूत कातते हुए दर्शाये गए थे। इस मौके पर एसडीएम पवन कुमार प्रेमी, जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मिश्रा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जी.एस.सोरी, राजीव गांधी मिशन समन्वयक महेन्द्र पाण्डे, अरविन्दो सोसायटी की ओर से राज्य समन्वयक अनीश मोनस एवं जिला समन्वयक शक्ति सिंह, शिक्षा विभाग के विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं स्कूली बच्चें उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित दीपक प्रकाश के नवाचार का हुआ प्रदर्शन
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित अपने अध्यापन के नवाचारी तरीके का प्रदर्शन दीपक प्रकाश द्वारा प्रदर्शनी लगाकर किया गया। ज्ञातव्य है कि श्री प्रकाश कोण्डागांव जिले के विकासखण्ड माकड़ी के प्राथमिक शाला तराईबेड़ा में शिक्षक के रुप में पदस्थ है। जहां 90 विद्यार्थियों के मध्य केवल एक शिक्षक पदस्थ थे ऐसे में उन्होंने अध्यापन कार्य में आ रही कठिनाईयों को दूर करने के लिए नवाचारी तरीका अपनाया। जिसके लिए इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाने के इस नवाचारी प्रयासो के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।
एस्पायर अवार्ड से सम्मानित मॉडलो की लगी प्रदर्शनी
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर एस्पायर अवार्ड से सम्मानित अंधे व्यक्तियों को दुर्घटना से बचाने वाले यंत्र, सेकेण्डरी ब्रेक सिस्टम की भी प्रदर्शनी लगाई गई। इन मॉडलो को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित गणित एवं विज्ञान मेले में सराहना प्राप्त हुई थी।शिक्षको ने कबाड़ से अध्यापन सामाग्रियों का निर्माण किया
इस कार्याशाला में शिक्षको द्वारा नवाचारी प्रयोगो के द्वारा निर्मित अध्यापन सामग्रियों का प्रदर्शन किया। इसमें शिक्षको ने डिस्पोजल ग्लास, केन, उपयोग हुए पन्नो, गत्तो, थर्मोकॉल, पत्तियों, माचिस की तिलियों आदि अनुपयोगी सामग्रियों से बच्चों को अध्यापन में सहयोग करने वाले मनोरंजक खेलो एवं अध्यापन सामग्रियों का निर्माण किया। शिक्षको ने अपने अध्यापन के अनुठे प्रयोगो जैसे विज्ञान सभा, प्रश्नोत्तरी सभा, रोचक अध्यापन से जुड़े खेलो की भी जानकारी लोगो को दी। स्कूली बच्चों ने इस कार्यशाला में अपने कबाड़ से बनाये गए वस्तुओं और मॉडलो का भी प्रदर्शन किया। इन मॉडलो में टायलेट क्लीनर, चंद्रयान-2, वाटर फिल्टर, सोलर पंप, सौरमंडल, हाईड्रोकार्बन गैस कनवर्टर आदि शामिल थे।