महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सियासी घमासान छिड़ा है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कांग्रेस और शिवसेना अपने विधायकों को एकजुट रखने और शक्ति परीक्षण से पहले हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रही है. सोमवार को तीनों दलों के गठबंधन ने विधायकों की मीडिया के सामने परेड कराई.
एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में हुई परेड के दौरान विपक्षी नेताओं ने एक तरफ यह संदेश देने का प्रयास किया कि संख्याबल हमारे पास है. दूसरी तरफ यह उपाय भी किया कि कोई विधायक बहुमत जुटाने की कोशिश में शुरू ‘ऑपरेशन लोटस’ का शिकार न हो जाए. इसके लिए सभी विधायकों को संविधान को साक्षी मानकर शपथ दिलाई गई.
परेड में मौजूद 162 विधायकों ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और शिवसेना के उद्धव ठाकरे का नाम लेकर बदनीयती से कोई काम नहीं करने, भाजपा का समर्थन नहीं करने और एकजुट रहने की शपथ ली. इस दौरान बाबा साहेब अंबेडकर और छत्रपति शिवाजी महाराज के नारे भी लगे. होटल हयात में विधायकों को जो शपथ दिलाई गई, उसमें विधानसभा का नाम, पार्टी के नाम के साथ ही चुनाव चिन्ह का भी उल्लेख था.