10 जनवरी, शुक्रवार को साल का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है। यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी रात 10:37 बजे से शुरू होकर अगले दिन 2:42 बजे सुबह तक चलेगा। इसका मतलब है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण लगभग चार घंटे 5 मिनट तक रहने वाला है। हिंदू धर्म के अनुसार हर ग्रहण का व्यक्ति के जीवन पर अच्छा या बुरा प्रभाव जरूर पड़ता है। जिससे बचने के लिए ज्योतिष में कई नियम भी बताए गए हैं। लेकिन उपछाया चंद्रग्रहण को शास्त्रों में ग्रहण के रूप में नहीं देखा गया है। मांद्य चंद्र ग्रहण होने से इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। जिसकी वजह से ग्रहण काल में पूजा-पाठ आदि कर्म किए जा सकेंगे।
ज्योतिषीय मत के अनुसार इस चंद्र ग्रहण का कोई असर नहीं होगा। बता दें, 2020 से पहले ऐसा चंद्र ग्रहण 11 फरवरी 2017 को दिखा था। ग्रहण को लेकर गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ नियम बताए जाते हैं। आइए जानते हैं आखिर कौन से हैं वो नियम जिनका पालन करने से गर्भवती स्त्री का होने वाला शिशु स्वस्थ्य पैदा होता है।
1- नुकीली चीजें-
ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को नुकीली चीजों जैसे चाकू, कैंची, सूई आदि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इस नियम का पालन न करने पर होने वाले शिशु के किसी भी अंग को हानि पहुंच सकती है।
2-बाहर न जाएं-
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर के बाहर निकलने से भी बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गर्भवती महिला अगर ग्रहण देख लेती है तो उसका सीधा असर उसके होने वाले बच्चे की शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ता है। जिसकी वजह से शिशु गंदे लाल चिन्हों के साथ पैदा होता है। जन्म के बाद बच्चे के शरीर पर कोई न कोई दाग जरूर पड़ जाता है।
3-ग्रहण के दौरान बना खाने से बचें-
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बना हुआ खाना नहीं खाना चाहिए।कहा जाता है कि इस समय में पड़ने वाली हानिकारक किरणें खाने को दूषित कर देती हैं।ऐसे में अगर घर पर खाना बना हो तो उसमें तुरंत तुलसी के पत्ते डाल दें। ग्रहण खत्म होने के बाद उन्हें निकाल दें। ऐसा करने से ग्रहण के बाद भी खाना शुद्ध रहता है।
4-ग्रहण के बाद नहाना अवश्य चाहिए-
मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को जरूर नहा लेना चाहिए वर्ना उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।
5-संबंध बनाने से भी बचे-
ग्रहण काल के दौरान पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के दौरान सोने से, किसी दवा का सेवन करने से और भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए।