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जेएनयू में 5 जनवरी की शाम नकाबपोश हमलावरों ने कोहराम मचा दिया था. उनमें से कुछ हमलावरों की पहचान दिल्ली पुलिस ने भी की और उनका खुलासा किया, लेकिन आज तक की एक स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम के एक स्टिंग में संदिग्ध हमलावरों की पहचान की गई है. इस स्टिंग ऑपरेशन में एबीवीपी के छात्र ने हिंसा के लिए खुद लड़के जुटाने की बात स्वीकारी है.
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दरअसल, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी को हिंसा हुई. इस दौरान कई नकाबपोश लोगों यूनिवर्सिटी कैंपस में मारपीट की थी. इसके बाद पूरे मुद्दे पर काफी हंगामा मचा. देश भर में इसका विरोध किया गया.
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JNU Violence मामले में आजतक ने एक स्टिंग ऑपरेशन #JNUTapes किया है. जिसमें कुछ छात्रों ने खुद हिंसा करने की बात को स्वीकार किया है. खुद को एबीवीपी कार्यकर्ता बताने वाला अक्षत अवस्थी भी इस हमले में शामिल था. अक्षत ने खुद हिंसा में शामिल होने की बात को स्वीकार की है. हमले के दौरान अक्षत ने हेलमेट पहना था.
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अक्षत ने बताया कि 20 लोग जेएनयू के और 20 बाहर से बुलाए गए थे. अक्षत जेएनयू में बीए फ्रेंच फर्स्ट ईयर का छात्र है. स्टिंग ऑपरेशन में उसको कहते हुए सुना जा सकता है कि उसके हाथ में डंडा था और कई लोगों को उसने पीटा.
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‘पहले पेरियार में हुआ हमला’:
अक्षत अवस्थी ने बताया कि पहले पेरियार में हमला हुआ. उसके बाद वहां से लोग साबरमती हॉस्टल की तरफ भागे. तब साबरमती में भी हमला किया गया. लेफ्ट छात्रों को अंदाजा भी नहीं था कि एबीवीपी पलटवार करेगा.
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अक्षत ने स्वीकार किया कि हॉस्टल में उसने कई लड़कों को पीटा. एक लड़के की दाढ़ी थी और वो कश्मीरी लग रहा था. वहां मैंने लात मारकर दरवाजा भी तोड़ दिया था. वहीं हमले की प्लानिंग के बारे में अक्षत ने बताया कि उसने एबीवीपी के संगठन के सचिव को फोन किया. वो दोस्त है. उसके साथ पूरी प्लानिंग की.
साथ ही अक्षत ने कहा कि लोगों की जुटाने का काम उसका ही था. उसने ही सभी की लामबंदी की. अक्षत ने बताया कि उसने पूरे प्रकरण को सेनापति की तरह हैंडल किया.