कांग्रेस के नाना पटोले महाराष्ट्र विस अध्यक्ष बने, भाजपा प्रत्याशी ने नाम वापस लिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। भाजपा प्रत्याशी किशन कथोरे के सुबह नामांकन वापस लेने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष दिलीप वालसे पाटिल ने यह एलान किया। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कुछ वरिष्ठ विधायक पटोले (57) को अध्यक्ष की पीठ तक ले गए।

ठाकरे और भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने विधायक और किसान नेता के तौर पर पटोले के काम की तारीफ की। ठाकरे ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि एक किसान का बेटा इस पद पर आसीन हुआ है।’’

राकांपा के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि वह अपना उम्मीदवार वापस लेने और पटोले के निर्विरोध चुनाव में विपक्षी दल भाजपा द्वारा दिखाई समझदारी की भावना की सराहना करते हैं। पटोले ने भाजपा के हरीभाऊ बागड़े का स्थान लिया जो 2014 से 2019 के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे थे।

पटोले विदर्भ में साकोली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि कथोरे ठाणे में मुरबाड से विधायक हैं। यह दोनों का विधायक के तौर पर चौथा कार्यकाल है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार ने शनिवार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया।

कुल 288 सदस्यों वाले सदन में मतदान से पहले भाजपा के 105 विधायकों के बहिर्गमन करने के बाद कुल 169 विधायकों ने विश्वास मत के पक्ष में वोट दिया। पटोले के निर्वाचन से विदर्भ क्षेत्र को पिछले दो दशकों में पहली बार अध्यक्ष का प्रतिष्ठित पद मिला है।

विदर्भ के भंडारा जिले में साकोली तहसील में 1962 में सरकारी अधिकारियों के परिवार में जन्मे पटोले ने नागपुर विश्वविद्यालय से 1987 में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के तौर पर राजनीति की शुरूआत की। वाणिज्य विषय में स्नातक करने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 1991 में भंडारा जिला परिषद के सदस्य बने।

वह 1999 में पहली बार विधानसभा पहुंचे और 2004 तथा 2009 में भी राज्य विधानसभा चुनाव जीते। पटोले ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव जीते। उन्होंने दिसंबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फडणवीस से मतभेदों का हवाला देते हुए भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में लौट आए।

पटोले हाल के विधानसभा चुनाव में फडणवीस के करीबी सहायक और राज्य के मंत्री रहे परिणय फुके को हराकर साकोली विधानसभा सीट से चौथी बार जीते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *