राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 : एक मजबूत लोकतंत्र के लिए जरुरी है चुनावी जागरूकता

Edited by : Dhanesh Diwakar
राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने और प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. वोट डालना एक मूल अधिकार है. मतदान क्यों आवश्यक है, क्यों राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है, राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 का विषय क्या है, इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं. राष्ट्रीय मतदाता दिवस इसलिए भी मनाया जाता है की पूरे देश में मतदाताओं की संख्या बढ़े, विशेषकर युवा मतदाताओं की. यह मतदाताओं के बीच चुनावी प्रक्रिया में प्रभावी भागीदारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है. इस साल दसवां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस: इतिहास

25 जनवरी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) का स्थापना दिवस है जो 1950 को अस्तित्व में आया था. इस दिन को पहली बार 2011 में मनाया गया था ताकि युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. इसमें कोई संदेह नहीं कि यह वोट के अधिकार और भारत के लोकतंत्र मनाने का भी दिन है. चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेष रूप से पात्र लोगों के नामांकन में वृद्धि करना है. आपको बता दें कि पहले मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया था. 1998 के साठवें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता पात्रता की आयु कम कर दी.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस: समारोह

हर साल, राष्ट्रीय मतदाता दिवस को मुख्य अतिथि के रूप में भारत के माननीय राष्ट्रपति की उपस्थिति में नई दिल्ली में मनाया जाता है. समारोह का स्वागत भाषण से होता है, कई सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे लोक नृत्य, नाटक, संगीत, विभिन्न विषयों पर ड्राइंग प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन किया जाता है. वर्ष 2019 में, भारत के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को आमंत्रित किया गया था. उनके साथ मुख्य चुनाव आयुक्त और बांग्लादेश, भूटान, कजाकिस्तान, मालदीव, रूस और श्रीलंका के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.

 

एक व्यक्ति किस स्थान से वोट कर सकता है?

आम तौर पर, चुनाव आयोग किसी व्यक्ति को उस स्थान पर मतदान करने की अनुमति देता है जिस इलाके की मतदाता सूची में उसका नाम हो, आप उसके निर्धारित बूथ पर ही वोट डाल सकते हैं. यदि मतदान दो या दो से अधिक विभिन्न स्थानों से किया जाता है, तो इसे अपराध माना जाता है और जब भी वह अपना निवास स्थान बदलता है, तो उसे चुनाव आयोग को सूचित करना चाहिए. जब व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष की हो जाती है तो भारत का संविशान उस नागरिक को मतदान का अधिकार देता है. वोट डालने के लिए वोटर को अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाना पड़ता है और आईडी कार्ड बनवाना होता है.

 

राष्ट्रीय मतदाता दिवस: महत्व

भारत एक लोकतांत्रिक देश है. हर नागरिक को वोट देने का मूल अधिकार है. उन्हें अपने नेता का चयन करने का अधिकार है, जो देश का नेतृत्व करने में सक्षम हों, आम लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकें, परिवर्तन ला सकें, इत्यादि. राष्ट्रीय मतदाता दिवस का भारत में अपना ही महत्व है क्योंकि देश का भविष्य नेता में निहित है जिन्हें हम चुनते हैं. एक बार सोचिए, अगर हम आगे नहीं आते हैं और सही नेता का चयन नहीं करते हैं तो देश की प्रगति और विकास बाधित होगा और देश के लोगों पर भी इसका असर पड़ेगा. यह देश का नेता है जो विभिन्न बुनियादी बड़ी परियोजनाओं और कई चीजों का फैसला करता है. यदि बुनियादी प्रणाली को ठीक से विकसित नहीं किया जाएगा, तो इससे सड़कों के निर्माण, बिजली कनेक्शन की समस्याएं, इत्यादि पैदा हो सकती हैं. इसलिए, हमें युवाओं को भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और आने वाली पीढ़ी के लिए एक मजबूत नेटवर्क का निर्माण करना चाहिए, जो बिना असफल हुए अपने वोट डालने को सुनिश्चित कर सकें.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस: थीम या विषय

राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2020:

“Electoral Literacy for a Stronger Democracy”

राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2019:

“No Voter to be left behind”

राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2018:

“Accessible Elections”

राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2017:

“Empowering Young and Future Voters”

राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2016:

“Inclusive and qualitative participation”

राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2015:

“Easy Registration, Easy Correction”

इसलिए, हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को भारत में हर साल मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दिन है, जो युवाओं में जागरूकता फैलाने के लिए है ताकि वे एक जिम्मेदार व्यक्ति को अपना वोट दे सकें और देश के विकास में भाग ले सकें.

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