NCB ले रही है रिया चक्रवर्ती के घर की तलाशी, सुशांत केस में ड्रग्स कनेक्शन की कर रही है जांच

मुंबई: 

सुशांत सिंह राजपूत मामले (Sushant Singh Rajput Death Probe) में ड्रग्स कनेक्शन की जांच कर रहा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) शुक्रवार की सुबह मामले में मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) के घर पर तलाशी के लिए पहुंचा है. एनसीबी इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से संपर्क किए जाने के बाद कई दिनों से जांच कर रहा है. जानकारी है कि एनसीबी को रिया चक्रवर्ती के भाई, शौविक चक्रवर्ती और गिरफ्तार हो चुके ड्रग डीलर ज़ैद विलात्रा के बीच लिंक मिले हैं.

वहीं, एनसीबी की दूसरी टीम सुशांत के मैनेजर सैमुअल मिरांडा के घर तलाशी के लिए पहुंची है. एजेंसी के सूत्रों के हवाले से पता चला था कि 20 साल का ज़ैद विलात्रा ने शौविक और मिरांडा को ड्रग (cannabis) सप्लाई किया था. दोनों के बीच में 23 साल के अब्दुल बासित परिहार ने मिडिलमैन का काम किया था.

 

पिछले हफ्ते NDTV के साथ एक इंटरव्यू में रिया चक्रवर्ती ने कहा था कि उन्होंने ‘अपनी ज़िंदगी में कभी भी ड्रग्स का इस्तेमाल नहीं किया है’ और उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने सुशांत को मैरुआना (marijuana) का इस्तेमाल करने से रोकने की कोशिश की थी.

बता दें कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून को उनके मुंबई अपार्टमेंट से मिला था. उस वक्त मुंबई पुलिस ने आत्महत्या से मौत की आशंका जताई थी. लेकिन अब मामले में कई एंगल जुड़ चुके हैं और सीबीआई, ईडी और एनसीबी इसकी जांच कर रही हैं. 28 साल की एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार पर सुशांत के परिवार की ओर से आर्थिक धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है, जिसकी जांच ईडी और सीबीआई कर रही हैं. ईडी की जांच में ड्रग्स कनेक्शन का खुलासा हुआ था, जिसके बाद एनसीबी को शामिल किया गया.

 

जानकारी आई थी कि सुशांत के आखिरी महीनों में उनका इलाज करने वाले दो मानसिक रोग विशेषज्ञों ने मुंबई पुलिस की पूछताछ में बताया था कि सुशांत गहरे डिप्रेशन एंग्जाइटी और एग्ज़िस्टेंशियल क्राइसिस से गुजर रहे थे. उन्हें बाईपोलर डिसऑर्डर भी था. इन दोनों डॉक्टरों ने बताया है कि सुशांत ने अपनी दवाइयां लेनी बंद कर दी थीं, जिससे उनकी हालत और खराब हो गई थी और उनका इलाज करना बहुत मुश्किल हो गया था.

वहीं, गुरुवार की शाम को सीबीआई ने कहा कि मीडिया में उसके हवाले से छप रही रिपोर्ट्स ‘बस अनुमा हैं और तथ्य पर आधारित नहीं हैं.’ एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया कि एजेंसी के प्रवक्ता या किसी भी सदस्य ने जांच से जुड़ी कोई भी डिटेल मीडिया से शेयर नहीं की है.