राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने एक साल की देरी के बाद आखिरकार सोमवार को 2017 के आंकड़े जारी किए गए। इसके मुताबिक देशभर में संज्ञेय अपराध के 50 लाख केस दर्ज हुए, जो कि 2016 से 3.6 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान हत्या के मामलों में 3.6 फीसदी की कमी आई है। जबकि अपहरण के मामले नौ फीसदी बढ़ गए।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2016 में हत्या के 30,450 मामले दर्ज हुए थे, वहीं, 2017 यह आंकड़ा 28,653 रहा। जबकि 2016 में अपहरण और फिरौती के 88,008 केस थे जो 2017 में बढ़कर 95,893 हो गए। इन मामलों में 1,00,555 लोग पीड़ित हुए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाला एनसीआरबी 1954 से लगातार अपराध के आंकड़े जारी कर रहा है।
शीर्ष पांच राज्य
राज्य | केस (2017) | केस (2016) |
उत्तर प्रदेश | 4324 | 4889 |
बिहार | 2803 | 2581 |
महाराष्ट्र | 2103 | 2299 |
मध्य प्रदेश | 1908 | 2004 |
तमिलनाडु | 1560 | 1603 |
दिल्ली | 487 | 528 |
एससी के खिलाफ देश में बढ़े अपराध
अनुसूचित जनजाति (एससी) के खिलाफ ज्यादातर राज्यों में 2017 में अपराध और उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। इस सूची में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है, जबकि राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पंजाब में इनमें कमी आई है। इस दौरान देश में कुल 43203 केस दर्ज किए गए।
शीर्ष पांच राज्य
राज्य | केस (2017) | केस (2018) |
उत्तर प्रदेश | 11444 | 10426 |
बिहार | 6746 | 5701 |
मध्य प्रदेश | 5892 | 4922 |
राजस्थान | 4238 | 5134 |
ओडिशा | 1969 | 1796 |
भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में, कर्नाटक में तेजी से चढ़ा ग्राफ
आंकड़ों के मुताबिक, 2017 में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम व संबंधित धाराओं में कुल 4062 मामले दर्ज हुए। इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज हुए। हालांकि सबसे ज्यादा बढ़ोतरी कर्नाटक में हुई। वहीं सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य रहा जहां एक भी केस दर्ज नहीं हुआ।
शीर्ष पांच राज्य
राज्य | केस (2017) | केस (2018) |
महाराष्ट्र | 925 | 1016 |
ओडिशा | 494 | 569 |
राजस्थान | 404 | 387 |
कर्नाटक | 289 | 25 |
तमिलनाडु | 257 | 170 |