नियमों में किया संशोधन: नगर निगमों में 10 करोड़, नगर पालिकाओं में 4 करोड़ और नगर पंचायतों में डेढ़ करोड़ तक की संपत्तियों के अंतरण कर सकेंगे कलेक्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में अचल संपत्तियों के अंतरण का अधिकार जिला कलेक्टरों को प्रत्यायोजित कर दिया है। सरकार द्वारा राजपत्र में इस संबंध में अधिसूचना का प्रकाशन भी कर दिया गया है। राज्य शासन द्वारा नगर निगमों में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 80 की उपधारा (5) के परंतुक (ii) तथा छत्तीसगढ़ नगर के पालिक निगम (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम, 1994 के अधीन शासन में निहित शक्तियों में से दस करोड़ रूपए तक की संपत्ति अंतरण की समस्त कार्यवाही का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रत्यायोजित किया गया है।

इसी तरह से छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 109(3)(दो) तथा छत्तीसगढ़ नगर पालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम, 1996 के अधीन शासन में निहित शक्तियों में से नगर पालिका परिषद् के मामलों में चार करोड़ रूपए तथा नगर पंचायत के मामले में डेढ़ करोड़ रूपए तक की संपत्ति के अंतरण की समस्त कार्यवाही का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रत्यायोजित किया गया है।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों, नगर निगमों के आयुक्त तथा नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सूचित करते हुए इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। राज्य शासन ने परिपत्र जारी कर नगर निगमों में सम्पत्तियों के अंतरण के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 80 तथा इसके संदर्भ में बनाए गए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम 1994 तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 109 तथा इसके संदर्भ में बनाए गए छत्तीसगढ़ नगर पालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम 1996 के प्रावधानों का अवलोकन कर प्रत्यायोजित अधिकारों की सीमा तक नियमानुसार अंतरण की कार्यवाही करने कहा है।