एशियन चैंपियनशिप के लिए भारत आएंगे पाकिस्तानी पहलवान, 29 साल बाद होगा ऐसा

               नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने कहा कि उन्हें भारतीय सरकार से आश्वासन मिला है कि चीन में फैले घातक कोरोना वायरस से जुड़े खतरे के बावजूद चीन के पहलवानों को भारत में होने वाली एशियन चैंपियनशिप (Asian Championship) के लिए देश में आने से नहीं रोका जाएगा. इसके साथ ही पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भी वीजा दिया जाएगा. नई दिल्ली में 18 से 23 फरवरी तक इस टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा.

डब्ल्यूएफआई ने दी थी भारत को चेतावनी
डब्ल्यूएफआई  को कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (United World Wrestling) का पत्र मिला था जिसमें चेताया गया था कि किसी भी देश को प्रतिनिधित्व से महरूम नहीं किया जाना चाहिए. अगर भारत वीजा देने से इनकार करता है तो देश पर टूर्नामेंटों की मेजबानी से प्रतिबंध लगने का खतरा है. पिछले साल नई दिल्ली में प्रतियोगिता के लिए दो पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा देने से इनकार किए जाने के बाद अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भविष्य में प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए भारत के सभी आवेदनों को निलंबित कर दिया था. कुछ दिन पहले भारतीय हाई कमिशन ने पाकिस्तान के चार पहलवानों और दो अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर दिया था.

सभी खिलाड़ियों को दिया जाएगा वीजा
भारत सरकार ने चीन के लोगों के लिए ई-वीजा की सुविधा निलंबित कर दी है क्योंकि इस विषाणु के फैलने का डर है जिसके कारण अब तक 490 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि इसके बावजूद वहां के खिलाड़ियों को रोका नहीं जाएगा. डब्ल्यूएफआई को चैंपियनशिप के लिए चीन के 40 सदस्यीय मजबूत दल के आने की उम्मीद है. डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय से आग्रह किया है कि पाकिस्तान के पहलवानों को भी वीजा सुनिश्चित किया जाए.

चीन के पहलवानों की होगी पूरी जांच
शरण ने कहा, ‘चीन महासंघ ने आग्रह करते हुए हमें पत्र लिखा कि 40 पहलवानों का परीक्षण किया गया है और इनमें से कोई भी विषाणु के लिए पॉजीटिव नहीं पाया गया है. उन्हें अलग रखा गया है.’ डब्ल्यूएफआई ने हालांकि स्पष्ट किया है कि चीन के पहलवानों को उस प्रोटोकाल से गुजरा होगा जिसे इस विषाणु के संक्रमण की पहचान करने के लिए तय किया गया है.

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