मतपत्र एवं मतपेटी से वोट डालने की प्रक्रिया की लोगों को दी जाएगी जानकारी : राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी कलेक्टरों एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतपेटी एवं मतदान प्रक्रिया के प्रदर्शन के दिए निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी कलेक्टरों एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को नगरीय निकाय निर्वाचन के मतदान के पहले लोगों को मतपत्र एवं मतपेटी से वोट डालने की प्रक्रिया की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर मतदाताओं के लिए मतपेटी एवं मतपत्र से मतदान प्रक्रिया का प्रदर्शन करने कहा है। प्रदेश में नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए आगामी 21 दिसम्बर को मतदान के मद्देनजर कलेक्टरों को 19 दिसम्बर को शाम पांच बजे तक आम लोगों के लिए इसका प्रदर्शन करने कहा गया है। इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स, एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड की भी मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं। मतपेटी के प्रदर्शन की सूचना प्रदर्शन स्थल पर लगाने कहा गया है।
वर्ष 2014 के नगरीय निकाय, 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा निर्वाचन में ईवीएम के माध्यम से वोट डाले गए थे। इसलिए आयोग ने मतपत्र और मतपेटी से मतदान की प्रक्रिया से लोगों को अवगत कराने इसके प्रदर्शन के निर्देश दिए हैं। नगर निगमों में जोनवार तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय या तहसील कार्यालय में मतपेटी व डमी मतपत्र के माध्यम से वोट डालने और मतपत्र को मोड़ने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन के लिए स्थल चिन्हांकित कर प्रशिक्षित व्यक्तियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसका नियमित पर्यवेक्षण भी किया जाएगा।
आयोग ने डमी मतपत्र में उम्मीदवारों के नाम की जगह वर्णमाला के अक्षर का प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। आयोग द्वारा उम्मीदवारों के लिए आरक्षित प्रतीक चिन्हों से भिन्न प्रतीक चिन्ह इसमें उपयोग करने कहा गया है। एरोक्रॉस मार्क से मतपत्र पर मत का अंकन और मतांकन के बाद इसे मोड़ने (सिंगल या डबल लाइन होने पर) के तरीके की जानकारी प्रदर्शन के दौरान दी जाएगी। मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के लिए आयोग ने अलग मतपेटियों के चिन्हांकन के निर्देश दिए हैं। इन मतपेटियों का उपयोग मूल निर्वाचन के लिए नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन स्थल पर रजिस्टर संधारित कर जिन मतदाताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उनकी जानकारी दर्ज की जाएगी। प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मतपेटियों को प्रशिक्षण के बाद सुरक्षित अभिरक्षा में तहसील, जोन कार्यालय या थाने में रखा जाएगा।