धर्मशास्त्रों में प्रकृति पूजा का प्रावधान किया गया है। इसलिए समुद्र से लेकर नदी, सरोवर, पहाड़ों और पेड़-पौधों की पूजा का विधान किया गया है। प्रकृति की इस पूजा को हमारे संस्कारों से जोड़ा गया है। वर्ष में कई मौके ऐसे आते हैं जब विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों की पूजा का शास्त्रों मे वर्णन किया गया है। इनमें आंवला नवमी, वट सावित्री जैसे पर्व प्रमुख है। इसी तरह घर की चारदीवारी में कुछ पौधों को लगाने की बात कही है। इन पौधों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है और सुख-समृद्धि बनी होती है। अब बात करते है घर में लगाए जाने वाले शुभ पौधों की।
तुलसी का पौधा
तुलसी के पौधे को घर के ईशान कोण में लगाने का प्रावधान है। तुलसी के पौधे से घर की आबोहवा शुद्ध होती है और घर रोगाणुओं से मुक्त होता है। तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
श्वेतार्क
श्वेतार्क का पौधा गणपति का प्रतीक माना जाता है। वास्तु के अनुसार घर के आंगन में दूध वाले पौधे लगाने का निषेध है लेकिन श्वेतार्क का पौधा घर में शुभ फलदायी है। इसको घर के नजदीक लगाने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
श्वेत अपराजिता
श्वेत अपराजिता के पौधे को धनदायक माना जाता है। इसलिए इसको घर में लगाने का विधान बताया गया है। अपराजिता का पौधा नीले फूलों वाला भी होता है और दोनों श्वेत और नीले अपराजिता के पौधे औषधीय गुणों वाले होते हैं।
हरसिंगार
हरसिंगार को पारिजात और शैफालिका भी कहा जाता है। मान्यता है कि यह पौधा अमृत मंथन में निकला था और स्वर्ग से इसको धरती पर भगवान श्रीकृष्ण लेकर आए थे। इस पौधे को घर में लगाने से घर की निगेटिव एनर्जी का नाश होता है। इसके फूलों से तनाव में कमी आती है।
रजनीगंधा
रजनीगंधा का पौधा घर में सुख-समृद्धि लेकर आता है। इस पौधे की मुख्यत: तीन किस्में होती है और यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस पौधे से सुगंधित तेल और इत्र बनाया जाता है।