रायपुर : 14 दिन बाद मिला अपहृत कारोबारी, यूपी से लेकर आ रही पुलिस, तीन किडनैपर भी गिरफ्तार

फिरौती मांगने के बाद छग-बिहार पुलिस के भारी दबाव से टूटे चंदन सोनार गिरोह ने सोमानी को उत्तरप्रदेश शिफ्ट कर दिया था, वहीं से रिहाई – डीजीपी अवस्थी

रायपुर

राजधानी से 14 दिन पहले अपहृत उद्योगपति प्रवीण सोमानी को छत्तीसगढ़ पुलिस ने उत्तरप्रदेश में अाजमगढ़ जिले से बुधवार को छुड़ा लिया। पुख्ता सुराग के बाद छत्तीसगढ़ और यूपी पुलिस की टीम ने अंबेडकर नगर के एक मकान में छापा मारकर सोमानी को बरामद किया। उनके साथ कुख्यात चंदन सोनार गैंग के दो अपहरणकर्ताओं अनिल चौधरी (हाजीपुर) और मुन्ना नायक (ओड़िशा) को भी दबोच लिया गया। रिहा करते ही छत्तीसगढ़ पुलिस सोमानी और अपहर्ताओं को लेकर रायपुर के लिए रवाना हुई और फ्लाइट से रात 11.50 बजे सभी यहां पहुंच गए। डीजीपी डीएम अवस्थी ने अाधी रात प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उद्योगपति सोमानी को रिहा करवाने में पुलिस का जबर्दस्त दबाव काम अाया है। यह पहला मौका है, जब अपहरण की जांच और छापेमारी के लिए रायपुर एसएसपी अारिफ शेख खुद एक हफ्ते से बिहार में ही थे। इस दबाव में चंदन गिरोह टूटा और सोमानी को रिहा करना पड़ा।

हाजीपुर में घेरा डाला, तब गैंग उत्तरप्रदेश ले गया सोमानी को
सूत्रों के अनुसार सोमानी को अपहरण करने के बाद हाजीपुर के आसपास ही रखा गया था। 10 करोड़ रुपए की फिरौती का फोन वहीं से किया गया था। इसके बाद से ही रायपुर पुलिस को शक हो गया था कि सोमानी के अपहरण में बिहार के कुख्यात चंदन सोनार गैंग शामिल है। इसी अाधार पर एसएसपी अारिफ शेख समेत रायपुर की बड़ी टीम बिहार पहुंच गई तथा हाजीपुर समेत अासपास के शहरों में डेरा डाल दिया। डीजीपी अवस्थी समेत अाला अफसरों ने यहां से बिहार पुलिस मुख्यालय के अफसरों को लाइनअप किया। जब गैंग को लगा कि फोर्स की घेरेबंदी में फंस सकते हैं, तब सोमानी को हाजीपुर से उत्तरप्रदेश शिफ्ट कर दिया गया।

चंदन और पप्पू के 20 गुर्गे उठाए कई शहरों में छापों से मिला सुराग
इस मामले में छत्तीसगढ़ और बिहार पुलिस ने काफी समन्वय से काम किया। रायपुर से अाला अफसरों के अाग्रह पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने यहां से गई टीमों के साथ बिहार एसटीएफ को भी लगा दिया। जब सोमानी के उत्तरप्रदेश जाने की सूचना मिली तो उत्तरप्रदेश पुलिस ने भी रायपुर से गई टीमों की मदद की। तीनों ने मिलकर करीब एक हफ्ते तक बिहार के हाजीपुर, विदुपुर और पटना समेत चंदन सोनार और पप्पू चौधरी के गई अड्डों पर ताबड़तोड़ छापे मारे। इस दौरान इस दौरान पुलिस ने चंदन के करीब 20 गुर्गों को भी उठा लिया, जो पहले भी कई व्यापारियों के अपहरण में जेल जा चुके थे। माना जा रहा है कि इन्हीं से कोई सुराग मिला और रायपुर की टीमें अचानक उत्तरप्रदेश चली गईं। वहां अंबेडकर नगर के मकान में छापा मारकर उद्योगपति सोमानी को बरामद कर लिया गया।

चंदन गैंग बिना फिरौती छोड़ता नहीं पर इस बार दबाव में टूटा
चंदन गिरोह की फितरत है कि वह किसी भी राज्य से बड़े कारोबारी का अपहरण करने के बाद उसे पटना, हाजीपुर व छपरा के आसपास लाकर रखता है। यह गिरोह अपहृत व्यक्ति की हत्या नहीं करता, लेकिन बिना फिरौती लिए छोड़ता भी नहीं। गिरोह ने पिछले साल अप्रैल में आसनसोल के बड़े कारोबारी का बंगाल के कुल्टी से अपहरण किया और उसे 33 दिन तक दानापुर में लाकर रखा। फिर अारा में 2.60 करोड़ की फिरौती वसूलने के बाद कारोबारी को झारखंड ले जाया गया और बरही में रिहा कर दिया गया। लेकिन इस बार परिस्थितियां कुछ अलग थीं। डीजीपी अवस्थी ने बताया कि इस मामले में छत्तीसगढ़ और बिहार के सारे अाला पुलिस अफसर संपर्क में थे। बिहार एसटीएफ की मदद से पुलिस पप्पू चौधरी के घर पहुंच गई थी। पप्पू की गिरफ्तारी के बाद उसके घर को छावनी बना दिया गया। एसएसपी समेत अफसरों ने सख्ती के साथ इतना दबाव बनाया कि गिरोह को सोमानी को छोड़ना पड़ गया।

8 जनवरी को सोमानी का अपहरण वैशाली के चंदन सोनार गिरोह से जुड़े पप्पू चौधरी ने किया था। वह विदुपुर का रहने वाला है। सात साल पहले चंदन व उसके गिरोह गिरोह ने सूरत के कारोबारी सुहैल हिंगोरा का दमन से अपहरण किया और वहां से लाकर छपरा में एक माह तक रखा था। हिंगोरा के परिजनों से इन अपहर्ताओं ने 9 करोड़ की फिरौती वसूली थी। पप्पू हिंगोरा अपहरण में जेल गया था। इधर, रायपुर एसपी आरिफ शेख ने बताया कि सोमानी को बरामद करने के साथ ही दो अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। सोमानी को सकुशल बरामद करने में एक रुपए फिरौती नहीं दी गई। पप्पू इस अपहरण का मास्टरमाइंड है।

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