रायपुर .
रायपुर नगर निगम में कांग्रेस लगातार तीसरी बार मेयर बनाने में कामयाब होने जा रही है। पार्टी के लगभग सभी दिग्गज पार्षद अच्छे मार्जिन से जीतकर अाए हैं। कांग्रेस पार्षदों की कुल संख्या बहुमत के जादुई अांकड़े यानी 36 से महज दो कम पर टिक गई है। जीतकर अाए 7 निर्दलियों में से 3 कांग्रेस के बागी हैं, इसलिए कांग्रेस का मेयर बनने का रास्ता भी लगभग साफ हो गया है। इसी समीकरण की वजह से पार्टी में महापौर की रेस शुरु हो गई है। पार्टी हल्कों में मौजूदा महापौर प्रमोद दुबे, तीसरी बार पार्षद बने तथा संगठन में सक्रिय ज्ञानेश शर्मा और दूसरी बार पार्षद बने सीएम के करीबी माने जाने वाले एजाज ढेबर को ही तगड़ा दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा सभापति भी कांग्रेस से ही बनना है, लेकिन अभी उसके लिए दावेदारी सामने नहीं अाई है।
कांग्रेस दस साल का रिकार्ड तोड़ते हुए शहर में सरकार बनाने में सफल हुई है। पिछले दो कार्यकाल से यहां शहर सरकार आैर राज्य सरकार अलग-अलग दल काबिज होते रहे हैं। लेकिन इस बार प्रदेश सरकार के साथ रायपुर निगम में भी कांग्रेस की सरकार बन गई है। महापौर प्रमोद दुबे लगातार पीछे चल रहे थे लेकिन बाद के पेटियों के खुलते ही दुबे की बढ़त लगातार ज्यादा होती गई आैर उन्होंने 1600 वोटों से जीत हासिल की है। पांच साल महापौर रहने की वजह से उनकी दावेदारी स्वाभाविक है।
इस पद के दूसरे दावेदार ज्ञानेश शर्मा की जीत छोटी रही। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को साढ़े चार सौ वोटों से हराया है। ज्ञानेश भी तीन बार के पार्षद हैं और माना जा रहा है कि कुछ बड़े नेता उनके नाम की लाॅबिंग कर सकते हैं। जहां तक एजाज ढेबर का सवाल है, रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश में पार्षद स्तर पर सबसे बड़ी जीत उन्हीं की है। उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नजदीकी माना जाता है, इस वजह से उनकी दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। लेकिन अंतिम फैसला पार्षद दलों की बैठक के बाद सीएम बघेल आैर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम को करना है।
एमअाईसी 14 पार्षदों की, अधिकांश होंगे रिपीट
महापौर बनने के बाद एमआईसी भी कांग्रेस की होगी। अभी मेयर दुबे की एमआईसी में वरिष्ठ पार्षदों श्रीकुमार मेनन, नागभूषण राव यादव, अजीत कुकरेजा, सतनाम पनाग, समीर अख्तर, निशा देवेंद्र यादव, अंजनि राधेश्याम विभार, प्रमोद मिश्रा, रितेश त्रिपाठी, अमितेश भारद्वाज को शामिल किया जा सकता है। इनमें से अधिकांश पार्षद में सक्रियता, तगड़े मैनेजमेंट और अपने व्यवहार की वजह से वार्ड में लगातार जीतते आ रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी अालाकमान इन्हीं में से ही किसी का नाम सभापति के लिए निश्चित कर सकता है।
नेता-प्रतिपक्ष के लिए सूर्यकांत के साथ मीनल भी
भाजपा से महापौर के अधिकांश दावेदार चुनाव हार चुके हैं। पार्टी के दिग्गज पार्षद जो चुनाव जीते हैं, उनमें मौजूदा नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौड़ और तीन बार की पार्षद मीनल चौबे का नाम सभापति के लिए प्रमुखता से लिया जाने लगा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि ऐन वक्त पर मृत्युंजय दुबे का नाम भी सामने लाया जा सकता है।