Rakshabhandhan 2020: इस दिन है रक्षाबंधन, जानें शुभ मुहूर्त, राखी मंत्र एवं महत्व

Rakshabhandhan 2020: रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम का पर्व है। इन दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और अपने भाइयों की दीर्घायू सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। साथ भाई अपनी बहनों को सदैव उनकी रक्षा का वचन देते हैं। भाई-बहनों का पवित्र पर्व पंचांग के अनुसार, 3 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन का मुहूर्त बेहद विशेष है। ऐसा मुहूर्त 29 वर्षों बाद आया है। तो चलिए ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी से जानते हैं कि इस बार के रक्षाबंधन में विशेष क्या है।

29 वर्षों बाद बन रहा है ऐसा शुभ योग:

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया इस बार रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार को पड़ रहा है। इस बार को योग बेहद विशेष है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वर्ष रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन का ऐसा शुभ योग करीब 29 वर्षों बाद बन रहा है। यही नहीं, इस बार भद्रा और ग्रहण का साया भी पर्व पर नहीं पड़ेगा।

भद्रा सूर्य की पुत्री है जो इस बार रक्षाबंधन पर सुबह 9 बजकर 29 बजे तक ही रहेगी। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र सोमवार को रक्षाबंधन के दिन सुबह 7 बजकर 20 मिनट तक है। फिर श्रवण नक्षत्र लग जाएगा। इस दिन सुबह 9 बजे से लेकर 10.30 बजे तक शुभ, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक चर, दोपहर 3 से 4.30 बजे तक लाभ, शाम 4.30 से 6 बजे तक अमृत एवं शाम 6 से 7.30 बजे तक चर का चौघड़िया मुहूर्त है। इस बार सोमवार के दिन राखी का पर्व आने से अन्न एवं धनधान्य के लिए अच्छे अवसर पैदा होंगे।

3 अगस्त, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त:

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 2 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 28 मिनट से

रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- सुबह 09 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक

दोपहर का मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 46 मिनट से शाम 4 बजकर 26 मिनट तक

प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 7 बजकर 6 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 3 अगस्त की रात 9 बजकर 27 मिनट पर

राखी बांधते समय बहनों को पढ़ना चाहिए यह रक्षा सूत्र: अगर राखी बांधते समय बहनें रक्षा सूत्र पढ़ती हैं तो यह बेहद ही शुभ होता है। इस रक्षा सूत्र का वर्णन महाभारत में भी आता है। पढ़ें रक्षा सूत्र:

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।