CAA पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार, 10 प्वाइंट्स में जानें सुनवाई की पूरी बात

नई दिल्ली: 
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) से जुड़े सुप्रीम कोर्ट में 140 से ज्यादा दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई. CAA पर फिलहाल रोक से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ पांच जजों की संविधान पीठ ही अंतरिम राहत दे सकती है. केंद्र सरकार को नई याचिकाओं पर चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक लगा दी है. असम और त्रिपुरा के मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने अलग किया. आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान किन बातों पर हुई बहस…
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
  1. सुप्रीम कोर्ट में 144 याचिकाओं को लेकर CJI एसए बोबडे, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की बेंच ने सुनवाई की.
  2. कपिल सिब्बल ने कहा, पहले ये तय हो कि इसे संविधान पीठ भेजा जाना है या नहीं. हम रोक नहीं मांग रहे लेकिन इस प्रक्रिया को तीन हफ्ते के लिए टाला जा सकता है.
  3. मनु सिंघवी ने कहा, नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यूपी में 30 हजार लोग चुने गए हैं. फिर कपिल सिब्बल बोले, इसी मुद्दे पर जल्द फरवरी में कोई तारीख सुनवाई के लिए तय हो.
  4. CJI ने कहा, फिलहाल हम सरकार को प्रोविजनल नागरिकता देने के लिए कह सकते हैं. हम एकपक्षीय तौर पर रोक नहीं लगा सकते.
  5. याचिकाकर्ता ने कहा, बंगाल और असम विशिष्ट राज्य हैं. असम में बांग्लादेशियों का मुद्दा है. इनमें आधे बांग्लादेश से आने वाले हिंदु हैं और आधे मुस्लिम. असम में 40 लाख बांग्लादेशी हैं. इस कानून के तहत आधे ही लोगों को नागरिकता मिलेगी. ये पूरी डेमोग्राफी को बदल देगा. इसलिए सरकार को फिलहाल कदम उठाने से रोका जाना चाहिए.
  6. इस पर CJI ने कहा, ये अहम है कि क्या हमें 99 फीसदी याचिकाकर्ताओं को सुनना चाहिए और इसके बाद आदेश जारी करना चाहिए. अगर केंद्र व कुछ की बात सुनकर हम आदेश जारी करते हैं तो बाकी याचिकाकर्ता कहेंगे कि हमारी बात नहीं सुनी गई.
  7. मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने कहा, मामले को संविधान पीठ को भेजा जाना चाहिए. कपिल सिब्बल ने कहा, तब तक दो महीने के लिए प्रक्रिया को पोस्टपोन कर दिया जाए. इस पर अटार्नी जनरल ने विरोध किया और कहा ये स्टे होगा. CJI ने कहा, ये केस संविधान पीठ को जा सकता है. हम रोक के मुद्दे पर बाद में सुनवाई करेंगे.
  8. सुप्रीम कोर्ट ने असम से संबंधित याचिकाओं पर जवाब देने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया.
  9. मनु सिंघवी बोले, यूपी में 19 जिलों में 40 लाख लोगों को संदेहजनक बताकर वैरिफाई करने की प्रक्रिया चल रही है. क्या ये लोगों में डर पैदा करने के लिए काफी नहीं है, जो प्रक्रिया 70 सालों में नहीं हुई तो क्या उसे मार्च तक टाला नहीं जा सकता.
  10. सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों में केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा. केंद्र ने चार हफ्ते मांगे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, असम और त्रिपुरा के केस अलग हैं. याचिकाकर्ता इनकी एक लिस्ट दें. सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों में केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने केंद्र को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *