फिर 24 घंटे टला महाराष्ट्र पर सुप्रीम फैसला, फडणवीस सरकार को मोहलत

महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम सुनवाई

कांग्रेस-एनसीपी ने की है जल्द फ्लोर टेस्ट की मांग

फडणवीस-अजित पवार को दिखाना है समर्थन पत्र

एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना ने दायर की है याचिका

 

11:46 – राज्यपाल ने दिया है 14 दिन का वक्त…

मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए 14 दिन का वक्त दिया है. उन्होंने कहा कि प्रोटेम स्पीकर के बाद स्पीकर का चुनाव जरूरी है, लेकिन विपक्ष प्रोटेम स्पीकर से ही काम कराना चाहता है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगले सात दिन में फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता है, कल भी फ्लोर टेस्ट का ऑर्डर ना दिया जाए.

 

11:40 – हमें पता है क्या आदेश देना है…

कोर्ट में अब बहस का फोकस शिफ्ट हो रहा है. अदालत में अब फ्लोर टेस्ट के समय पर बहस हो रही है. इस दौरान तुषार मेहता ने कहा कि महाविकास अघाड़ी ने सूची में गड़बड़ी की है. इसपर सिंघवी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट से पता चलेगा कि आप औंधे मुंह गिरेंगे, आप हारेंगे.

इस दौरान अदालत ने पूछा कि आप क्या मांग रख रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं. इसपर जस्टिस रमना ने कहा कि हमें पता है कि क्या आदेश देना है.

 

11:32 -NCP की ओर से सिंघवी की दलील…

अब एनसीपी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी दलील रख रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि अगर दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं तो देरी क्यों हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ छिपाया जा रहा है तो फर्जीवाड़ा हुआ है. अजित पवार की चिट्ठी पूरी तरह से फर्जी है. अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से चिट्ठी को फ्रॉड बताने पर मुकुल रोहतगी भड़के और उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई.इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने 48 एनसीपी, 56 शिवसेना और 44 कांग्रेस विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने की बात कही. इस पर मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जताई, इस पर अदालत ने कहा कि  अगर आप ये दाखिल करेंगे तो मुझे उनसे जवाब लेना होगा. जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने चिट्ठी वापस ले ली.अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि कोर्ट को तुरंत फ्लोर टेस्ट का आदेश देना चाहिए, पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति होनी चाहिए.

 

11:18 -कपिल सिब्बल ने अदालत में दी ये दलील…

सुप्रीम कोर्ट में इस वक्त तीखी बहस चल रही है. तुषार मेहता ने जहां पूरे अस्तबल के गायब होने का दावा किया था उसपर अब कपिल सिब्बल ने जवाब दिया है. सिब्बल ने कहा है कि सिर्फ घुड़सवार ही भागा है, घोड़े वहां के वहां ही हैं. मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधायकों को होटल में बंद किया गया था, फैसला जल्दी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे या 48 घंटे में निर्देश दिया तो किसे देगा? सदन की व्यवस्था तो स्पीकर ही देखेंगे. कपिल सिब्बल ने कहा कि 22 की रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने सरकार बनाने की बात कही. सभी ने कहा कि उद्धव सीएम होंगे लेकिन सुबह 5 बजे ही फडणवीस सीएम बन गए. उन्होंने कहा कि ऐसी कौन-सी इमरजेंसी थी कि सुबह सवा 5 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया और शपथ दिलवा दी गई. इमरजेंसी का खुलासा होना चाहिए.

 

11:14 –

अजित पवार की तरफ से पक्ष रख रहे मनिंदर सिंह ने कहा कि मैं ही एनसीपी हूं और मैं ही नेता हूं. तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल को ये भी देखना होगा कि कौन स्थाई सरकार देगा? अजित पवार के वकील ने कहा कि जो मैंने सूची दी है वो पूरी तरह से सही है. जैसे भी हो फैसला निकलना चाहिए, चाहे कोर्ट से निकले या फिर राज्यपाल से.

 

11:08 –

मुकुल रोहतगी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट कभी भी हो सकता है. ये फैसला स्पीकर के ऊपर है. आज वो कह रहे हैं कि उनके पास 54 विधायक हैं, कल मैं भी ये कह सकता हूं. फ्लोर टेस्ट कराना स्पीकर की जिम्मेदारी है, इसमें कोर्ट की जिम्मेदारी क्या है? मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट का कोई सवाल ही नहीं है. यहां पर होर्स ट्रेडिंग का सवाल नहीं है, बल्कि पूरा ग्रुप ही दूसरी ओर चला गया है. अगर राज्यपाल कहते हैं कि आज फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए और उन्हें अपना काम करने दिया जाए. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी ये पॉजिशन नहीं है. इस प्रकार के कई केस हैं, जिनमें 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट हुआ है. सॉलिसिटर जनरल ने इसपर जवाब दिया कि ये राज्यपाल का फैसला है, क्या विधानसभा का एजेंडा अदालत तय करेगी? इसके दूरगामी परिणाम होंगे.

 

11:01 – जब SC ने पूछा अजित पवार की तरफ से कौन है?

SG ने बताया कि बीजेपी के पास 105 अपने, एनसीपी 54 और 11 निर्दलीयों का समर्थन है. राज्यपाल के पास सभी विधायकों का  समर्थन पत्र पहुंचा था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि वो चिट्ठी कहां है जिसमें राज्यपाल ने फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता दिया था.

मुकुल रोहतगी ने कहा कि पवार परिवार में क्या हो रहा है, इससे उन्हें मतलब नहीं है. एक पवार मेरे साथ है और एक कोर्ट में, वह हस्ताक्षर गलत नहीं बता रहे हैं, बल्कि होर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यहां पर राज्यपाल के बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं, यहां मामला अलग है. जस्टिस खन्ना ने इस दौरान कहा कि आप बीते कल की बात कर रहे हैं, यहां अजित पवार की तरफ से कोई है?

 

10:53 –

सुप्रीम कोर्ट में SG ने कहा कि चिट्ठी में अजित पवार ने खुद को विधायक दल का नेता बताया, इसपर अदालत ने चिट्ठी का ट्रांसलेशन मांगा. 22 नवंबर की चिट्ठी में अजित पवार ने खुद को CLP बताया और कहा कि 54 विधायकों ने उन्हें अधिकार दिया है.

राज्यपाल को चिट्ठी मिली, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति शासन हटाने का अनुरोख दिया. 23 नवंबर को राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी. फडणनीस ने राज्यपाल को 170 विधायकों का समर्थन दिखाया था. SG ने कहा कि राज्यपाल के पास चिट्ठी आई थी, राज्यपाल का काम जांच करवाना नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सबसे पहले चिट्ठी किसकी आई थी? इसपर SG ने कहा कि फडणनीस ने सबसे पहले चिट्ठी लिखी थी.

 

10:47 –

बीजेपी के 105 विधायकों के अलावा अजित पवार ने 54 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था, जिसमें अजित ने खुद को विधायक दल का नेता बताया. तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में चिट्ठी पढ़कर सुनाई. अदालत में बीजेपी, निर्दलीय विधायकों और अजित पवार के समर्थन पत्र को पढ़कर सुनाया.

 

10:45 –

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि विपक्ष की ओर से अभी तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया, हमारे पास राज्यपाल के आदेश की कॉपी हैं. तुषार मेहता ने गवर्नर के सचिव की चिट्ठी अदालत को सौंपी, जिसमें विधायकों के हस्ताक्षर हैं.

 

10:43 – सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र मामले पर सुनवाई

सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के पत्र को रख दिया है. हिंदू महासभा की ओर से वकील ने कहा कि उन्होंने एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है, जिसपर सुनवाई होनी चाहिए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये मामला अभी अलग है.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि क्या कोर्ट गवर्नर के फैसले को पलट सकती है. अब तुषार मेहता अदालत में दलील रख रहे हैं. उन्होंने इस दौरान राज्यपाल को मिले संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया और कहा कि बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन की जानकारी राज्यपाल को थी. इसके अलावा बीजेपी और शिवसेना के हक में ही नतीजे थे.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि राज्यपाल के पास नतीजे थे, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी और शिवसेना के पास 56 सीटें थी. राज्यपाल ने काफी दिन इंतजार किया, उसके बाद बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाया. बीजेपी ने सरकार बनाने से मना किया, फिर शिवसेना ने भी मना किया. और एनसीपी के साथ भी ऐसा ही हुआ.

 

10:32 – सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई…

SC के कोर्ट नंबर दो में इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई है. कोर्ट पूरी तरह से भरा हुआ है, बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी के कई सांसद विधायक अदालत में मौजूद हैं. देवेंद्र फडणवीस की ओर से मुकुल रोहतगी सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखेंगे.

 

10:30 –

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने को है. वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह अदालत में अजित पवार का पक्ष रखेंगे. कांग्रेस की ओर से भी रणदीप सुरजेवाला, कपिल सिब्बल समेत बड़े नेता अदालत पहुंच गए हैं.

 

10:23 -सुनवाई से पहले मुकुल रोहतगी का बड़ा बयान…

सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी का पक्ष रखने वाले मुकुल रोहतगी ने कहा है कि आज राज्यपाल का बयान रखा जाएगा. देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार के पास जो विधायकों का समर्थन पत्र था उसे मैंने देखा है, राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने का जो न्योता दिया गया वो सही है.

 

10:13 –

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले महाराष्ट्र में बड़ा अपडेट हुआ है. अशोक चव्हाण, जयंत पाटिल, एकनाथ शिंदे और बालासाहेब थोराट राजभवन पहुंच गए हैं. सभी नेता राजभवन में विधायकों का समर्थन पत्र सौंपेंगे.

 

09:55 -कुछ देर में अदालत में सुनवाई…

अब से कुछ ही देर में सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र मामले पर सुनवाई शुरू होगी. शिवसेना की तरफ से अनिल देसाई, गजानन कार्तिकर, अरविंद सावंत सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.

09:30 -राज्यपाल को पत्र सौंप सकती हैं तीनों पार्टियां

शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी आज राज्यपाल को सभी विधायकों का समर्थन पत्र सौंप सकती हैं. ये पत्र अदालत में सुनवाई से पहले ही सौंपा जाएगा.

 

08:47 –

कांग्रेस-एनसीपी-कांग्रेस के द्वारा आज सुप्रीम कोर्ट में विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा जाएगा. इसमें दावा किया जाएगा कि सभी विधायक एनसीपी के साथ हैं, ना कि अजित पवार के खेमे के साथ.

 

07:34 -‘हिम्मत है तो फ्लोर टेस्ट पास करो’

बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि उनके पास बहुमत है लेकिन शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का कहना है कि बहुमत उनके पास है और जो विधायक अजित पवार के साथ गए थे वो भी वापस आ गए हैं. शिवसेना की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि बीजेपी में अगर हिम्मत है तो वह 30 नवंबर तक बहुमत साबित करके दिखाए.

 

07:34 – महाराष्ट्र में जारी है सियासत

एक तरफ हर किसी की नजर सुप्रीम कोर्ट पर है तो महाराष्ट्र में सियासत अपने चरम पर है. देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच रविवार रात को लंबी बैठक हुई, साफ है कि बीजेपी के सामने चुनौती है कि अब विधानसभा में बहुमत साबित कैसे किया जाए. रविवार को हुई बीजेपी की बैठक में 118 विधायक पहुंचे, हालांकि पार्टी दावा कर रही है कि उनके पास 170 से अधिक विधायकों का समर्थन है.

 

07:33 – विपक्ष को उम्मीद- जल्द हो फ्लोर टेस्ट

कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की तरफ से डाली गई इस याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट करवाया जाए. ताकि बहुमत साबित करे. तीनों पार्टियों का दावा है कि उनके पास जरूरी आंकड़ा है, जबकि देवेंद्र फडणवीस-अजित पवार के पास वह आंकड़ा नहीं है.

 

07:33 – महाराष्ट्र पर सुप्रीम सुनवाई

जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार को महाराष्ट्र के सियासी संकट पर अपना आदेश सुनाएगी. रविवार को हुई इस मामले की सुनवाई में अदालत ने सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिया था कि देवेंद्र फडणवीस के द्वारा पेश किए गए सरकार बनाने के दावे को अदालत में पेश किया जाए, इसके अलावा राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने के निमंत्रण, विधायकों के समर्थन पत्र को अदालत में रखा जाए.

 

07:33 – महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम सुनवाई

पिछले एक महीने से महाराष्ट्र में चल रहा सियासी ड्रामा अभी खत्म नहीं हुआ है. आज हर किसी की नज़र सुप्रीम कोर्ट पर है, जहां अदालत राज्य के सियासी भविष्य पर फैसला सुनाएगा. आज कोर्ट में केंद्र, महाराष्ट्र सरकार, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की ओर से नोटिस का जवाब दिया जाएगा. ऐसे में अदालत क्या फैसला सुनाती है इसपर हर किसी की नज़र है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *