निगम के 1867 के भवन को गोंद, गुड़, उड़द दाल व चूना मिलाकर भरी जाएंगी दरारें, प्लास्टर कर संवारेंगे

रायपुर 

मालवीय रोड में नगर निगम की डेढ़ सौ साल पुरानी इमारत को अब पुरातत्व के मानकों के मुताबिक संवारा जाएगा। स्मार्ट सिटी ने हेरिटेज सिटी कांसेप्ट के तहत इस ऐतिहासिक धरोहर को संवारने के लिए प्लान बनाया है। यहां पर केवल आधुनिक दौर में बनी गैर जरूरी इमारतों को हटाया जाएगा। एक तरह से स्मार्ट सिटी अपनी गलती को सुधारने जा रहा है। दरअसल, मालवीय रोड पर यूरोपियन शैली में बने जवाहर मार्केट के करीब एक सौ बीस साल पुराने गेट को पुरातत्व मानकों की अनदेखी कर केवल सीमेंट से ही रेनोवेट कर दिया गया था।

उस वक्त भी स्मार्ट सिटी ने शहर के पुरातत्व जानकारों से सलाह ली थी। लेकिन उस सलाह पर अमल नहीं किया था। स्मार्ट सिटी इस ऐतिहासिक धरोहर के पास एक छोटा गार्डन भी बनाने जा रहा है। ताकि लोगों को शहर में घूमने फिरने के लिए एक स्पॉट और मिल सके। राजधानी में ब्रिटिश जमाने की एक सदी से ज्यादा पुरानी इमारतों को संरक्षित करने के लिए इससे पहले टाउन हॉल को संवारा जा चुका है। हेरिटेज कांसेप्ट पर घड़ी चौक के पास अष्टकोणीय भवन का भी कायाकल्प होना है। इसके लिए भी योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

नगर निगम की पुरानी इमारत को उस दौर के बिल्डिंग मटेरियल के हिसाब से सुधारने के लिए एक ट्रक से ज्यादा बेल लगेगी। उस दौर में भवनों को बनाने के लिए बेल से निकली गोंद, सड़ाया हुआ गुड़, चूना पत्थर ईंट को निश्चित अनुपात में मिश्रण बनाकर लगाया जाता था। पुरातत्व के जानकार नगर निगम की इस पुरानी बिल्डिंग का मुआयना पहले कर चुके हैं। इसके आधार पर प्रारंभिक आकलन किया जा चुका है।

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