दुनिया का अकेला देश जो मानता ही नहीं कि कोरोना वायरस कोई बीमारी है

अश्गाबात (तुर्कमेनिस्तान)
कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। शक्तिशाली देश भी इस संक्रमण के आगे बेबस हैं लेकिन एक देश ऐसा भी है जिसका कहना है कि ऐसी कोई बीमारी है ही नहीं। यहां तक कि उसने अपने देश में कोरोना शब्द के इस्तेमाल पर ही बैन लगा दिया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस देश से सटे ईरान में कोरोना ने भयावह मंजर खड़ा किया है।

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Orthodox people… endangering entire nation and later several may be killed with no relief….. shame on them…..
Dilip Kumar

हम बात कर रहे हैं तुर्कमेनिस्तान की जिसने कोरोना शब्द लिखने और बोलने पर बैन लगाने के साथ ही मास्क पहनने पर भी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। खबरों की मानें तो ये बैन किसी और ने नहीं बल्कि राष्ट्रपति गुरबांगुली बेयरडेमुकामेडॉव ने लगाया है। यही नहीं जनता के बीच स्पेशल एजेंट्स घूम रहे हैं जो अगर किसी से कोरोना की चर्चा सुनते हैं तो उन्हें जेल भेज देते हैं।

आधिकारिक रूप से अबतक इस देश में एक भी कोरोना केस सामने नहीं आया है। ये बात विशेषज्ञों को भी हजम नहीं हो रही है। उनका मानना है कि तुर्कमेनिस्तान अपने आंकड़े को छिपा रहा है। इस देश ने करीब एक महीने पहले ही अपने देश के बार्डर सील कर दिए थे। वहीं चीन सहित बाकी देशों से आने वाले विमानों के रास्तों को डायवर्ट कर दिया गया था।

बर्थ डे हो या शादी लोग भारी संख्या में पहुंच रहे
तुर्कमेनिस्‍तान में लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है। लेकिन, इसके बावजूद भी बाकी देशों के अलावा वहां जनजीवन बहुत सामान्य है। लोग भारी संख्या में पब्लिक गैदरिंग में जुट रहे हैं। बर्थ डे हो या शादी लोग भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। हालांकि ये पहले मौका नहीं है जब तुर्कमेनिस्तान ने इस तरह के आंकड़े छिपाए हों। इस देश ने कई बीमारियों को लेकर आंकड़े छिपाए हैं जिसमें एड्स और प्लेग भी शामिल हैं। वहीं, प्रेस स्वतंत्रता के मामले में भी ये देश 180 देशों की सूची में सबसे आखिरी स्थान पर है।

लॉकडाउन हटा तो अंधेरे के बीच यूं चमका वुहान

  • लॉकडाउन हटा तो अंधेरे के बीच यूं चमका वुहान

    चीन के हुबेई प्रांत का वुहान शहर कोरोना वायरस का सबसे पहला शिकार बना था। ‘लॉकडाउन’ भी सबसे पहले यहीं किया गया था। करीब 76 दिन तक इस घातक वायरस के डर के साये में रहा यह शहर एक बार फिर दौड़ने को तैयार है। लॉकडाउन खोले जाने के साथ ही इसकी चमक लौटने लगी है।
  • लॉकडाउन हटा तो अंधेरे के बीच यूं चमका वुहान

    लॉकडाउन हटने के साथ ही वुहान अपनी रफ्तार पकड़ रहा है। लोगों ने राहत की सांस ली है तो शहर जश्न के माहौल में दिख रहा है।
  • लॉकडाउन हटा तो अंधेरे के बीच यूं चमका वुहान

    बुधवार सुबह को सरकारी मीडिया की ओर से जारी फुटेज में नजर आया कि लॉकडाउन खत्‍म होने के बाद बड़ी संख्‍या में लोग कार लेकर वुहान के बाहरी इलाके के लिए निकले। चीन के नैशनल रेल ऑपरेटर को उम्‍मीद है कि करीब 55 हजार लोग बुधवार को वुहान से निकलेंगे।
  • लॉकडाउन हटा तो अंधेरे के बीच यूं चमका वुहान

    हालांकि, लोगों को तभी जाने दिया जाएगा जब उनके फोन में एक सरकारी ऐप होगा जिसमें उनके घर का पता, हालिया यात्रा ड‍िटेल और मेडिकल हिस्‍ट्री होगी। यह देखा जाएगा कि कहीं उनको संक्रमण का खतरा तो नहीं है।
  • लॉकडाउन हटा तो अंधेरे के बीच यूं चमका वुहान

    शहर के अंदर अभी भी कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बेहद सख्‍त पाबंदियां लगी हुई हैं। अधिकारी अभी भी लोगों से कह रहे हैं कि अगर बहुत जरूरी हों तभी घरों से निकलें। वुहान में अभी स्‍कूल बंद हैं। हालांकि कंपनियां अपने कर्मचारियों को काम पर बुला रही हैं।

अपनी रुढ़िवादी सोच के लिए जाने जाने वाले यहां के राष्ट्रपति ने बीमारी से बचाव के लिए अजीबोगरीब आदेश भी जारी किया है। उन्होंने देश के सभी सार्वजनिक स्थानों पर हरमाला नामक पारंपरिक पौधा लगाने के लिए कहा है। उनका मानना है कि यह पौधा बीमारियों के प्रसार को रोकने में कारगर है। इसके अलावा सरकारी विज्ञप्तियों, स्कूलों और दीवारों पर चस्पा किसी भी कोरोना से जुड़ी बात को हटाया जा रहा है। खबरें हैं कि कोरोना की जगह सांस की बीमारी या बीमारी शब्द का प्रयोग करने को कहा जा रहा है।

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