टोरंटो, प्रेट्र।
आपने पहले भी कई बार यह सुना होगा कि पुराने समय में सांपों के पैर होते थे। इस बात पर कई लोगों के अलग-अलग विचार हैं, लेकिन वर्तमान में शोधकर्ताओं ने इस बात को हकीकत बताया है उन्होंने कहा है कि प्राचीन सांपों में पैर भी होते थे और उनकी चिकबोन (चेहरे पर हड्डी) होती थी। शोधकर्ताओं ने बताया कि सरीसृप वर्ग के यह प्राणी प्राचीन छिपकलियों के वंशज थे, लेकिन सांपों की खोपड़ी का लचीलापन अचंभित करता है। यह लचीलापन किस तरह से आया अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है।
शोधकर्ताओं ने सरीसृप वर्ग के प्राचीन प्राणी ‘नजस रोनगिरिना’ के जीवाश्मों का अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि 10 करोड़ साल पहले सांपों के पूर्वजों के पैर और चिकबोन होती थी। यह विशेषताएं आधुनिक सापों में पूरी तरह से विलुप्त हो गईं। ‘साइंस एडवांसेस’ जर्नल में यह अध्ययन प्रकाशित किया गया है। कनाडा की अल्बर्टा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसमें बताया है कि किस तरह से छिपकली के पूर्वजों से प्राचीन सांप की लचीली खोपड़ी विकसित हुई थी।
ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के एलसेंड्रो पालसि ने बताया कि दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी पैटागोनिया में सांपों के 10 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म पाए गए थे। यहां पाए गए नजस रोनगिरिना का जीवाश्म अब तक सबसे संरक्षित जीवाश्म था। इसकी खोपड़ी तीन तरफ से संरक्षित थी। इस जीवाश्म की वजह से सांपों के विकास के क्रम की बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। साथ ही यह भी पता चला कि सांपों में लचीली खोपड़ी का विकास कैसे हुआ। बताया कि नजस के सिर का आकार प्राचीन छिपकली से वर्तमान सांपों के सिर के बीच की कड़ी था।शोधकर्ताओं के अनुसार वर्तमान में सांपो को छिपकली तरह के सरीसृपों से जो चीज अलग करती है वह है सांपों की लचीली खोपड़ी, जिसकी मदद से वह बड़े शिकार को निगल सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि सांपों के प्रारंभिक विकास के इतिहास की जानकारी जीवाश्म रिकॉर्ड कम उपलब्ध होने के कारण अभी तक सीमित है।