इस दिन है षटतिला एकादशी, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत कथा

 हिंदू धर्म में 12 मास में एकादशी के 24 व्रत पड़ते हैं। जिसमें से कुछ एकादशी बेहद खास मानी जाती है। इन्हीं खास एकादशी में से एक षटतिला एकादशी भी है। इस साल षटतिला एकादशी 20 जनवरी को पड़ रही है। षटतिला एकादशी में काले तिल से विष्णु जी का पूजन करने का महत्व बताया जाता है। इस व्रत के करने से अनेक प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।आइए जानते हैं क्या है षटतिला एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और भगवान विष्णु और षटतिला एकादशी से जुड़ी व्रत कथा।

षटतिला एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त-
षटतिला एकादशी 20 जनवरी को प्रात: 2 बजकर 51 मिनट पर लग रही है जो कि 21 जनवरी को प्रात: 2 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। बता दें, प्रत्‍येक माह दो और वर्ष में 24 बार एकादशी पड़ती है। इन सभी में षटतिला एकादशी की अलग विशेषता है।

षटतिला एकादशी व्रत कथा-
पद्म पुराण के अनुसार, एक महिला भगवान व‌िष्‍णु की परम भक्त थी। वह रोजाना भगवान विष्णु की पूजा, व्रत आदि बेहद श्रद्धापूर्वक करती थी। व्रत रखने से उसका मन और शरीर तो शुद्ध हो गया था। लेक‌िन उसने कभी भी अन्न का दान नहीं किया था। जब महिला मृत्यु के बाद बैकुंठ पहुंची तो उसे एक खाली कुट‌िया म‌िली।

अपने लिए खाली कुटिया देखकर महिला ने बैकुंठ में भगवान विष्‍णु से पूछा कि मुझे खाली कुटिया ही मिली है? तब भगवान ने बताया कि तुमने कभी कुछ दान नहीं किया है इसलिए तुम्‍हें यह फल मिला। मैं तुम्‍हारे उद्धार के लिए एकबार तुम्‍हारे पास भिक्षा मांगने आया था तो तुमने मुझे मिट्टी का एक ढेला पकड़ा दिया।

अब तुम षट्त‌िला एकादशी का व्रत करो। जब महिला ने व्रत किया तो व्रत पूजन करने के बाद उसकी कुट‌िया अन्न-धन से भर गई और वह बैकुंठ में अपना जीवन हंसी-खुशी बिताने लगी।

षटतिला एकादशी व्रत कैसे करें-
एकादशी के दिन ब्रह्मामुहूर्त में जागकर स्‍नान आदि से निवृत होकर पूजा घर में भगवान विष्णु का विधिपूर्वक पूजन करते हुए व्रत का संकल्‍प लें। इस व्रत में दिन भर निराहार रहना होता है, फलों का सेवन कर सकते हैं। शाम के समय भगवान विष्णु का पूजन कर तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जलाएं। अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।

एकादशी के दिन न करें ये काम-
1. कांसे के बर्तन में भोजन करना
2. मांस का सेवन
3. मसूर की दाल का सेवन
4. शहद का सेवन
5. दूसरे का अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।
6. व्रत वाले दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए।
7. इस व्रत में नमक, तेल और अन्न का सेवन वर्जित माना गया है।
8. एकादशी के दिन क्रोध का त्याग करना चाहिए।
9. एकादशी के दिन पान खाना, दातुन करना, दूसरे की निंदा करना तथा किसी की चुगली नहीं करनी चाहिए।

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