Edited By: Dhanesh Diwakar
सब्जी महंगी होने से ग्राहकों की भीड़ लग रही कम
अप्रैल महीने में थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली। वहीं खुदरा महंगाई दर के सोमवार को जारी हुए आंकड़ों में पिछले छह माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। मंगलवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर अप्रैल माह में 3.07 फीसदी रही। यह मार्च में 3.18 फीसदी रही थी। वहीं पिछले साल अप्रैल में यह 3.62 फीसदी दर्ज की गई थी।
खुदरा दर में दिखी थी बढ़ोतरी
अप्रैल में सीपीआई 2.92 फीसदी रहा, जो मार्च के 2.86 फीसदी के मुकाबले 0.06 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, यह आरबीआई के अनुमानित आंकड़ों से नीचे रही है, जिससे अगली एमपीसी बैठक में रेपो रेट की कटौती की उम्मीदें बरकरार हैं। पिछले साल की समान अवधि में खुदरा महंगाई की दर 4.58 फीसदी रही थी। सीएसओ के अनुसार, अप्रैल में कीमतें बढ़ने की दर अक्तूबर, 2018 के बाद सबसे ज्यादा रही है।
खाने–पीने की चीजें तीन गुना महंगी
अप्रैल में खाद्य पदार्थों में महंगाई की दर तीन गुना बढ़ी और यह मार्च के 0.3 फीसदी से उछलकर 1.1 फीसदी पर आ गई। सब्जियों की महंगाई दर भी 2.87 फीसदी बढ़ी, जबकि फलों की महंगाई दर में गिरावट रही। ईंधन और बिजली की महंगाई दर भी 2.56 फीसदी पहुंच गई, जो मार्च में 2.42 फीसदी थी। ग्रामीण क्षेत्रों की खुदरा महंगाई दर मार्च के 1.8 फीसदी से बढ़कर 1.87 फीसदी, जबकि शहरी क्षेत्र की 4.1 फीसदी से बढ़कर 4.23 फीसदी हो गई है।