सूतक काल और ग्रहण के समय इन कामों को भूलकर भी न करें, ग्रहण के बाद तुलसी या कुशा को निकाल दें

21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्‍योतिषियों  जन्म लग्न मिथुन राशि में लग रहा है। उनके लिए यह विशेष अरिष्ट फल प्रदान करने वाला होगा। सूर्य ग्रहण प्रात: 9:26 बजे से अपराह्न 3:28 तक रहेगा। 21 जून को दिन में अन्धेरा हो जाएगा, वहीं देशभर में कई जगह तारे भी दिखाई देंगे। 21 जून को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल 20 जून को रात 09:15 बजे सूतक काल लगेगा। यह सूतक काल 21 जून को ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगा। प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल सूतक काल के दौरान बंद रहेंगे।

 

ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान करना अनिवार्य है। ग्रहण के दौरान सभी को भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए।  ग्रहण के बाद कपड़ों सहित स्नान करना चाहिए। सूतक काल में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मंदिरों के कपाट बंद कर दें। घर में भी मंदिर को कपड़े से कवर कर देना चाहिए। इस दौरान कोई पूजा पाठ नहीं किया जाता है। ग्रहण के बाद आसन, गोमुखी व मंदिर में बिछा हुआ कपड़ा सभी को धो दें। गोमूत्र या गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में करें।

 

ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए, कहते हैं सोने से मनुष्य रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र होता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और रोगी को  यह नियम मानने के जरूरत नहीं है।
सूतक काल लगते ही तुलसी या कुश मिश्रित जल को खाने-पीने की चीजों में रखना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तुलसी दल या कुश को ग्रहण के बाद निकाल देना चाहिए। कहते हैं ग्रहण का असर तुलस दल ले लेता है और आपकी चीजों को दूषित नहीं होने देता । इसलिए ग्रहण समाप्त होने के बाद इसे निकाल लेना चाहिए।

ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए। बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए । ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, ये सब कार्य वर्जित हैं।
ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

 

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