3 साल तक नहीं बढ़ाई जाएगी नवा रायपुर में जमीन की कीमत

करीब एक दशक से सूने पड़े नवा रायपुर में धीमी बसाहट है, इसमें तेजी लाने के लिए प्रदेश सरकार ने आवासीय प्लाट के रेट में तीन साल तक वृद्धि नहीं करने का फैसला लिया है। हालांकि यह अब भी अधिक (1800 से 3000 रुपए वर्गफीट) माना जाता है। लेकिन सरकारी सूत्रों का मानना है कि तीन साल तक वृद्धि नहीं होने की वजह से यह रेट भी सामान्य हो जाएगा। प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) के बोर्ड ने जमीन के रेट नहीं बढ़ाने पर मुहर लगा दी है। तय हुअा है कि जब बसाहट बढ़ने लगेगी और नवा रायपुर की प्रापर्टी में लोगों का रुझान नजर अाने लगेगा, तब भले ही रेट बढ़ाया जाएगा। लेकिन यह फैसला भी तीन साल बाद ही होगा। अफसरों ने साफ किया कि कॉमर्शियल भूखंड की दर बदल सकती है। यही नहीं, अावासीय प्लाट में भी निवेशकों और आम लोगों के बीच जमीन आबंटन की प्रक्रिया अलग-अलग करने की तैयारी है। इसके लिए नए सिरे से नियम बनाए जा सकते हैं।

चार सेक्टरों का लेआउट पहले

चार सेक्टरों के लेअाउट पर काम शुरू कर दिया है। इनमें सेक्टर-17 में पहली बार छोटे प्लाट निकालना भी शामिल है, जबकि यह सेक्टर केवल आईएएस अफसरों की रिहाइश के लिए बनाया गया है। इसी तरह, सेक्टर-30 में अधिकतर छोटे-छोटे प्लाट निकाले जाएंगे। सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रीक (सीबीडी) से लगे सेक्टर-15 में भी प्लाट बेचे जाएंगे। सेक्टर-12 में प्लाट काटकर बेचे गए हैं, लेकिन बड़े प्लाट बच गए हैं। इन्हें भी छोटे प्लाट में तोड़ा जा रहा है।

नवा रायपुर में ये हो चुके निर्माण

  •  6 हजार से अधिक स्वतंत्र मकान और फ्लैट का निर्माण।
  •  10 से अधिक सेक्टरों में मकान बनाए गए।
  •  एचओडी बिल्डिंग का निर्माण।
  •  अफसरों के बंगले बनाए गए हैं।
  •  सीबीडी बिल्डिंग बनाया गया।
  •  मंत्रालय के पास कैपिटल कांप्लेक्स का निर्माण।
  •  जंगल सफारी, म्यूजिकल फाउंटेन, फोर डाइमेंशन ग्लोब, सेंट्रल पार्क और एकात्म पथ बनाया गया।

लोगों के लिए बढ़ेंगे आवासीय सेक्टर

अाम लोगों की रुचि बढ़ाने के लिए आवासीय सेक्टरों की संख्या भी बढ़ेगी। सेक्टर-27 और 29 में अब लोग बस रहे हैं। इसीलिए एनआरडीए ने सेक्टर 15, 30, 12 के साथ ही 17 में मिडिल क्लास की पहुंच के लायक छोटे प्लाट निका,लने का फैसला लिया है। यह प्रक्रिया महीनेभर में पूरी कर ली जाएगा, क्योंकि इसके लिए रेरा का रजिस्ट्रेशन जरूरी है।

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