गोल्ड के शौकीन क्लर्क का अफसरों से भी ज्यादा था रौब, 50 हजार सैलरी और घर में 85 लाख कैश

भोपाल में ईओडब्ल्यू की टीम ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में पदस्थ क्लर्क हीरो केसवानी के घर छापेमारी की। इस दौरान आरोपी क्लर्क ने नाटकीय तरीके से जहर(फिनायल) पी लिया। इसके बाद आनन फानन में अधिकारी उसे हमीदिया अस्पताल ले गए। जहां देर शाम डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया। टीम ने उसके घर की तलाशी शुरू कि तो घर से करीब 85 लाख रुपए नकदी बरामद हुए।

बता दें कि काली कमाई का सौदागर हीरो केसवानी को गोल्ड और महंगे सूट पहनने का शौकीन है। बड़ी-बड़ी पार्टियों में अधिकारियों की तरह पहुंचता था। ऑफिस और पार्टियों में बदल-बदल कर महेंगी कार लाता था। जानकारी मिली है कि हीरो को चिकित्सा शिक्षा विभाग से भी सस्पेंड कर दिया गया है। और उसके ऊपर अब डिपार्टमेंटल जांच भी शुरू हो गई है। केसवानी पिछले 20 साल से चिकित्सा शिक्षा विभाग में कार्यरत रहा है। EOW टीम की जांच में केसवानी का परिवार सहयोग नहीं कर रहा है।

ईओडब्ल्यू के अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने अधिकांश संपत्ति अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी है। जिसमें जीव सेवा संस्थान की बेशकीमती जमीनें भी शामिल है। जीव सेवा संस्थान की स्थापना 1994 में एक शीर्ष संगठन के रूप में की गई थी। जिसका उद्देश्य संत के सेवा दर्शन के अनुसार काम करने वाले विभिन्न सामाजिक संगठनों की सभी परोपकारी गतिविधियों का समन्वय करना और सामान्य या विशिष्ट परियोजनाओं  के लिए दान प्राप्त करना था

हीरो केसवानी ने 4 हजार की तनख्वाह से नौकरी शुरू की थी और अब उसकी सैलरी 50 हजार रुपए है। EOW की कार्रवाई में अब तक दो बैंक खाते मिले है। बैरागढ़ स्थित उसका मकान ही करीब डेढ़ करोड़ रुपए का है। उसके घर चारपहिया वाहन और एक स्कूटी भी बरामद हुई है। उसके घरवालों के नाम पर बैंक में लाखों रुपए जमा हैं। उसका एक बेटा प्राइवेट जॉब करता है जबकि दूसरे बेटे की हाल ही में क्लर्क की सरकारी नौकरी लगी है। और उसकी पत्नी गृहणी है।

ईओडब्लू के 10-12 लोगों की टीम आय के स्रोत को खंगालने में लगी हुई है। हीरो केसवानी की पत्नी और बच्चों से टीम पूछताछ की गई है, लेकिन उन्होंने भी कोई ठोस इनकम का साधन नहीं बताया। बैरागढ़ में आरोपी क्लर्क का आलीशान बंगला देख खुद ईओडब्ल्यू अधिकारी सकते में आ गए। इस बंगले के प्रत्येक फ्लोर पर पेनलिंग और वुडवर्क कराया गए हैं। साथ ही उसके घर की छत पर एक आलीशान से पेंटहाउस भी बना हुआ है। उसने बैरागढ़ के आसपास के इलाकों में हालिया विकसित कॉलोनियों में भी कई फ्लैट और प्लॉट खरीदे हैं। जिसके दस्तावेज भी उसके घर से बरामत हुए है और जांच की जा रही है।