ड्राइवर के रिटायर होने पर एडीएम ने खुद ड्राइवर बनकर घर तक छोड़ा….

एक कर्मचारी के रिटायरमेंट पर उसे दी गयी विदाई चर्चा का विषय बन गयी है। अनूठी विदाई का यह मामला इसलिए चर्चा में है क्योंकि जिस कर्मचारी ने जिंदगी भर अधिकारियों को गाड़ी चलाई, उसे उसके रिटायरमेंट वाले दिन राजस्थान प्रशासनिक सेवा स्तर के बाड़मेर जिले के अफसर खुद कार चलाकर घर तक छोड़कर आया। यह कर्मचारी बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर का ड्राइवर था। कलेक्ट्रेट में ड्राइवर पद पर कार्यरत मदनलाल ने जिंदगी भर अधिकारियों की गाड़ी चलाई। लेकिन जब वह रिटायर हुआ था तो एडीएम ने खुद कार चलाकर उसे घर तक छोड़ा।

ड्राइवर को घर में छोड़ने के बाद एडीएम ओ.पी. विश्नोई ने मदनलाल के घर में आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस मौके पर विश्नोई ने कहा कि उन्होंने कई जगह नौकरी की है, लेकिन काम के प्रति सर्मपण की ऐसी भावना नहीं देखी। विश्नोई ने बताया कि मदनलाल सुबह 8 बजते ही डयूटी पर आ जाता और दिनभर पूरी निष्ठा के साथ उनके साथ रहता। उनकी हर छोटी-बड़ी चीज का ध्यान रखता।

एडीएम के इतने सम्मान दिए जाने के बाद मदनलाल की खुशी का ठिकाना नहीं था। मदनलाल ने कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि मेरे रिटायर होने पर इस तरह का सम्मान मुझे मिलेगा। मुझे बहुत खुशी है कि एडीएम ओपी विश्नोई ने मुझे गाड़ी में आगे वाली सीट पर बैठाकर खुद ड्राइव करके मुझे घर तक छोड़ा। उसने कहा कि एडीएम साहब भी बहुत अच्छे आदमी है, उन्होंने हमेशा मुझे अपने परिवार के सदस्य की तरह रखा है, लेकिन मैनें यह नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा सम्मान मिलेगा।