26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस पिछले 2 दिनों से एक्शन में थी।

26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस पिछले 2 दिनों से एक्शन में थी। इसके चलते गुरुवार को लगा कि किसान आंदोलन शायद खत्म हो जाए। लेकिन, बीती रात गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के इमोशनल दांव के बाद किसान आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है।

किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान कर चुकी RLD के नेता जयंत चौधरी आज टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा कि ‘प्रशासन पर किसानों को हटाने का दबाव हो सकता है, लेकिन किसान हटना नहीं चाहते। किसानों का मुद्दा संसद में उठना चाहिए। अगर सरकार बैकफुट पर जाती है तो कमजोर नहीं हो जाएगी। प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए। उन्हें किसानों का भरोसा जीतने की जरूरत है।’

मुजफ्फरनगर में आज महापंचायत
गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम 4 बजे तक भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद माहौल ऐसा बन गया था कि किसानों को घर भेज दिया जाएगा। लेकिन, आधी रात को पुलिस को लौटना पड़ा। क्योंकि, किसानों ने आंदोलन तेज करने की तैयारी शुरू कर दी थी। UP और हरियाणा से हजारों किसान रात में ही गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए। आज मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत भी बुलाई गई है।

टिकैत धरना खत्म करने को राजी थे, विधायक की धमकी से अड़ गए
राकेश टिकैत शाम 6 बजे अफसरों के साथ बैठक के दौरान धरनास्थल से हटने को तैयार हो गए थे। लेकिन, कुछ देर बाद भाजपा विधायक नंद किशोर की एंट्री से मामले ने यू-टर्न ले लिया। नंद किशोर अपने समर्थकों के साथ धरनास्थल के पास पहुंच गए। उन्होंने पुलिस से कहा कि आंदोलनकारियों को रविवार तक हटा लें, वरना हम हटाएंगे।

इसके बाद टिकैत भड़क गए। उन्होंने कहा कि ‘भाजपा का विधायक पुलिस फोर्स के साथ मिलकर किसानों का मारने आया है। इसलिए अब हम कहीं नहीं जा रहे।’ राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत ने भी कहा कि अब तीनों काले कानूनों का निपटारा करके ही लौटेंगे।

गाजीपुर बॉर्डर की ये फोटो गुरुवार रात 9.30 बजे की है। सिक्योरिटी फोर्स किसान आंदोलन वाले पॉइंट पर जमा थे। रात 12 बजे के बाद वे पीछे हट गए।
गाजीपुर बॉर्डर की ये फोटो गुरुवार रात 9.30 बजे की है। सिक्योरिटी फोर्स किसान आंदोलन वाले पॉइंट पर जमा थे। रात 12 बजे के बाद वे पीछे हट गए।

रात 10 बजे टिकैत के गांव में ऐलान- हर किसान गाजीपुर पहुंचेगा
गाजीपुर बॉर्डर पर बदले हालात को देखते हुए रात 10 बजे मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में राकेश टिकैत के घर पर ‘गाजीपुर कूच’ के नारे लगाती भीड़ जुटी। इसी बीच, जाट नेता और RLD प्रमुख अजीत सिंह ने राकेश टिकैत को फोन कर आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की। इसके साथ ही पूरे मामले में जाट पॉलिटिक्स की एंट्री हो गई।

रात 11 बजे से मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, शामली और बागपत से लोगों ने गाजीपुर के लिए कूच शुरू कर दिया। UP के अलावा हरियाणा में भी कई खापों ने ऐलान कर दिया वे भी दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेंगी। हरियाणा के भिवानी से 1 हजार ट्रैक्टरों पर किसान रवाना भी हो गए। दोनों राज्यों में हालात बिगड़ते देख गाजीपुर बॉर्डर पर कार्रवाई के आदेश का इंतजार कर रही पुलिस फोर्स पीछे हटनी शुरू हो गई।

 

लाठी-गोली की बात करने वाले टिकैत के आंसू निकले
गाजीपुर बॉर्डर पर UP पुलिस ने गुरुवार शाम 4 बजे धरनास्थल को चारों तरफ से सील कर दिया। भारी पुलिस की मौजूदगी में किसानों को हटने का नोटिस थमाया गया। अफसरों ने कहा कि धरना हटाकर रहेंगे। इसका असर यह हुआ कि लाठी और गोली वाले बयानों से विवादों में आए टिकैत इमोशनल दांव खेल गए। उन्होंने रोते हुए कहा कि ‘मुझे मारने की साजिश रची जा रही है। मैं खुदकुशी कर लूंगा। देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।’

 

सिंघु बॉर्डर भी चारों तरफ से सील, पक्के बैरिकेड्स लगाए
हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर भी गुरुवार को सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई। धरनास्थल को चारों तरफ से ब्लॉक कर दिया। अब यहां न कोई आ सकता है, न कोई बाहर जा सकता है। यहां पक्के बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। उधर, टीकरी बॉर्डर पर भी भारी फोर्स तैनात है। ये दोनों बॉर्डर किसान आंदोलन के बड़े पॉइंट्स हैं।