राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों के काम-काज की समीक्षा शक्कर उत्पादन बढ़े और किसानों को लाभ मिले: सहकारिता मंत्री डॉ. टेकाम

सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने प्रदेश में संचालित चार शक्कर कारखानों के काम-काज की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए सभी प्रबंध संचालकों को निर्देशित किया कि कारखानों में किसानों का गन्ना समय पर आए, शक्कर उत्पादन (रिकव्हरी) में वृद्धि हो इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जाने चाहिए। उन्होंने आगामी सीजन में 11 प्रतिशत शक्कर रिकव्हरी सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को विस्तृत कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए।

डॉ. टेकाम ने कहा कि राज्य में शक्कर कारखाना लगाने का उद्देश्य किसानों को गन्ने की फसल से आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना है। उन्होंने कहा कि हम सबका यह प्रयास होना चाहिए कि कारखाना लाभ में हो ताकि किसानों को उनके गन्ने का भुगतान समय पर होने के साथ ही उन्हें लाभांश का भी फायदा मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को शक्कर कारखाने को समय पर व्यवस्थित ढंग से प्रारंभ करने के लिए कैलेण्डर तैयार करने के भी निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान सचिव सहकारिता श्री प्रसन्ना आर और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

डॉ. टेकाम ने कारखाना संचालन की दक्षता में वृद्धि कर शक्कर की रिकव्हरी बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। सभी प्रबंध संचालकों को कारखाना संचालन से संबंधित सभी पहलुओं का सूक्ष्म परीक्षण कर शक्कर निर्माण लागत में कमी लाने, रोग प्रतिरोधी अधिक रिकव्हरी वाले गन्ने की बुआई करने, गन्ने की कटाई से पेराई के बीच की अवधि को कम करने, कम ब्याज वाली पूंजी की व्यवस्था करने, कर्मचारियों के लिए दक्षता मापदण्ड का निर्धारण और प्रशिक्षण, किसान प्रशिक्षण, मृदा परीक्षण, तकनीक आधारित गन्ना उपार्जन प्रक्रिया आवश्यक सामग्री के क्रय और उत्पाद के विक्रय में व्यापारी के भांति सजगता आदि पहलुओं पर समग्र कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए कारखानों को लाभ की स्थिति में लाने के निर्देश दिए।

डॉ. टेकाम ने कहा कि परिपक्व गन्ने की कटाई से लेकर कारखाने में क्रसिंग पाइंट की पहुंच की अवधि महत्वपूर्ण होती है। यह अंतराल कम होने से शक्कर की रिकव्हरी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि शक्कर कारखाने से संबद्ध कृषकों को गन्ना उपार्जन नीति और गन्ना कैलेण्डर के साथ समन्वय करना आवश्यक होता है, ताकि कृषक गन्ना उपार्जन की पूरी प्रक्रिया के सूक्ष्म पहलुओं से अवगत होते हुए शक्कर की रिकव्हरी के संबंध में वृद्धि के संबंध में अपना योगदान सुनिश्चित करते हुए अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके। इस संबंध में गन्ना कृषकों को समुचित ढंग से कृषि विभाग, कृषि विश्वविद्यालय और कारखाना गन्ना विकास अधिकारी की टीम के साथ समन्वित प्रयास कर कृषकों को प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना और प्रशिक्षण कैलेण्डर तैयार कर एक सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि कृषक प्रशिक्षण में गन्ना उत्पादक ग्राम को इकाई के रूप में सम्मिलित किया जाए।
सहकारिता मंत्री ने शक्कर निर्यात के लिए संबंधित अधिकारियों को सब्सिडी दावा दस्तावेजों के साथ समय-सीमा के भीतर भारत सरकार को प्रेषित करते हुए निर्यात की कार्रवाई पूर्ण कर गन्ना उत्पादक कृषकों को अवशेष भुगतान शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। शक्कर कारखानों में ठेका श्रमिकों की आवश्यता का परीक्षण कर मितव्ययता को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डॉ. टेकाम ने कहा कि अन्य राज्यों के लाभप्रद कारखानों में कार्यरत श्रमिक, कर्मियों के मापदण्ड का परीक्षण कर श्रमिक और कर्मियों की संख्या का पुनरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार कार्यवाही की जाए।

डॉ. टेकाम ने पेराई सीजन समाप्ति के पश्चात् कारखाना कर्मियों को ऑफ सीजन में योजनाबद्ध ढंग से गन्ना उत्पादक कृषकों को उच्च रिकव्हरी गन्ने की किस्म की बुआई, परिपक्व होने पर सही समय पर कटाई, कटे गन्ने की कारखानों तक शीघ्र पहुंच सुनिश्चित करें। कारखानों को लाभ की स्थिति में लाने के लिए गन्ना कृषकों को जागरूक कर कारखाना प्रबंधन के मध्य समन्वय में वृद्धि का प्रयास करने में लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में शीघ्र की कार्ययोजना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। समीक्षा के दौरान कोण्डागांव जिले में मक्का प्रोसेसिंग इकाई स्थापना के लिए शासन और अन्य संस्थानों की वित्तीय व्यवस्था और संयंत्र की स्थापना और संचालन के संबंध में तैयार कार्ययोजना और प्रगति के संबंध में प्रावधानित बजट अनुसार राशि विमुक्त करने के निर्देश इकाई के प्रबंध संचालक को दिए।

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