परमाणु स्थलों को जमीन के अंदर भी भेद सकता है यह ताकतवर बम, अमेरिका ने जारी की तस्वीरें

दुबई.

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसके साथ बढ़े तनाव के बीच अमेरिकी सेना ने इस महीने एक शक्तिशाली बम की तस्वीरें जारी कीं, जो पृथ्वी में गहराई तक जाकर ‘यूरेनियम संवर्धन’ संबंधी भूमिगत सुविधाओं को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है. अमेरिकी वायु सेना ने 2 मई को इस हथियार, जीबीयू-57 की दुर्लभ तस्वीरें जारी कीं, जिन्हें “मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर” (Massive Ordnance Penetrators) के रूप में जाना जाता है. उसने हालांकि बाद में तस्वीरें हटा लीं. ऐसा संभवत: इसलिये किया गया क्योंकि तस्वीरों से हथियार की संरचना और प्रहार क्षमता के बारे में संवेदनशील जानकारी जाहिर हो रही थी.

तस्वीरों का प्रकाशन तब हुआ जब ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने बताया कि ईरान एक परमाणु सुविधा का लगातार निर्माण कर रहा है जो संभवतः जीबीयू-57 की मारक क्षमता से परे है, जिसे भूमिगत बंकरों को निशाना बनाने के लिए अमेरिकी सेना का अंतिम हथियार माना जाता है. अमेरिका ने 2000 के दशक में ‘मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर’ विकसित किया था क्योंकि ईरान द्वारा अपने परमाणु स्थलों को भूमिगत बनाकर मजबूत किये जाने को लेकर चिंता बढ़ गई थी.

तस्वीर इजराइल की नातांज न्यूक्लियर फैसिलिटी की है।
तस्वीर इजराइल की नातांज न्यूक्लियर फैसिलिटी की है।
तस्वीर ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी की सैटेलाइट इमेज है। इसमें अंडर ग्राउंड फैसिलिटी के लिए खोदी जा रही सुरंगें देखी जा सकती हैं।
तस्वीर ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी की सैटेलाइट इमेज है। इसमें अंडर ग्राउंड फैसिलिटी के लिए खोदी जा रही सुरंगें देखी जा सकती हैं।

वायु सेना ने मिसौरी में व्हाइटमैन वायुसैनिक अड्डे के फेसबुक पेज पर बमों की तस्वीरें पोस्ट कीं. इस अड्डे पर बी-2 ‘स्टेल्थ बॉम्बर्स’ की तैनाती है. बी-2 एक मात्र विमान है जो इस बम को दाग सकता है. तस्वीरों के साथ बेस ने कहा कि उसे दो ‘मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर’ बम प्राप्त हुए हैं, ताकि वहां का एक स्क्वाड्रन ‘उनके प्रदर्शन का परीक्षण’ कर सके. वायुसेना ने हालांकि उन सवालों का जवाब नहीं दिया कि उसने इस हथियार की तस्वीरें क्यों पोस्ट कीं और फिर क्यों हटा दीं.

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